पीटर मुखर्जी का 2018 में दिया यह बयान दिखाता है कि ईडी के आरोपों के अनुसार जो रिश्वत कार्ति चिदंबरम को दी गई थी, वह असल में मुकेश अंबानी की एक फर्म के लिए थी. हालांकि यह साफ नहीं है कि मोदी सरकार की इस प्रमुख जांच एजेंसी ने यह जानकारी मिलने के बाद क्या कदम उठाया था.
दिल्ली की अदालत में दायर आरोप-पत्र में सीबीआई ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में क़रीब 10 लाख रुपये की रिश्वत दिए जाने का आरोप लगाया है. वहीं, अंतिम रिपोर्ट में आरोपी से सरकारी गवाह बनीं इंद्राणी मुखर्जी का भी नाम है.