असम के दो छात्र संगठनों ने राज्य को नागरिकता संशोधन क़ानून के प्रभाव से बचाने के लिए राष्ट्रपति द्वारा बीते दिसंबर में बंगाल पूर्वी सीमांत नियमन, 1873 में किए गए संशोधनों को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है. अदालत का कहना है कि इस बारे में केंद्र का पक्ष सुने बिना कोई रोक नहीं लगाई जा सकती.
शिलांग में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध और इनर लाइन परमिट के समर्थन में हुई बैठक के दौरान खासी स्टूडेंट्स यूनियन के सदस्यों और गैर आदिवासियों के बीच झड़प हुई. इस दौरान दस लोगों को चाकू मारा गया था.
राज्य सरकारों से यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि लोगों को बाहर जाकर रोजी क्यों तलाशनी पड़ती है? लोग अपने परिवार के साथ अपने इलाके में गरिमामय जीवन और शांति का माहौल चाहते हैं. राज्य सरकारें उनके राज्यों में रहने-जीने की सही व्यवस्था और अपराधमुक्त माहौल क्यों नहीं मुहैया करा पातीं?
अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिज़ोरम के बाद मणिपुर चौथा राज्य है, जहां पर आईएलपी को लागू किया गया है. नगालैंड के दीमापुर में अब तक इनर लाइन परमिट की व्यवस्था नहीं थी. इस व्यवस्था का मक़सद मूल आबादी के हितों की रक्षा के लिए अन्य भारतीय नागरिकों की बसाहट को रोकना है.
केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस नए प्रवेश नियम के दायरे से बाहर रखा गया है.
असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नया एनआरसी फिर से तैयार होगा, साथ ही नागरिकता संशोधन विधेयक को दोबारा संसद में पेश किया जाएगा.
भारत सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय सीमा के नज़दीक संरक्षित इलाकों में सीमित अवधि के लिए जाने के लिए इनर लाइन परमिट की ज़रूरत होती है. एनआरसी की अंतिम सूची आने के बाद मिज़ोरम सरकार ने कहा कि असम से लगी सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, असम और सिक्किम के प्रमुख समाचार.