उत्तराखंड में बन रहे पंचेश्वर बांध से करीब 80 हज़ार से ज़्यादा लोग प्रभावित होंगे. जिसमें मुख्यतः किसान, मज़दूर और मछुआरे हैं.
‘पहाड़ की राजधानी पहाड़ में’ के नारे के साथ गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने का आंदोलन एक बाद फिर तूल पकड़ता नज़र आ रहा है.
गोरक्षक बलिदान दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हर दिन एक लाख लीटर गोमूत्र इकट्ठा कर उनका प्रयोग ऐसी दवाइयां बनाने में किया जाता है जो त्वचा और हृदय की बीमारियों के उपचार में काम आती हैं.
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने कहा, व्यक्ति से कोई विरोध नहीं, इस्लाम में मस्जिदों और मदरसों के अंदर जीवित चीज़ों या इंसानों की तस्वीरें लगाने की मनाही है.
योगगुरु से उद्योगपति के रूप में उभरे बाबा रामदेव पर प्रियंका पाठक नारायण से उनकी किताब ‘गॉडमैन टू टाइकून’ के बारे में बातचीत.
उत्तराखंड में बन रहे पंचेश्वर बांध से 122 गांव डूब जाएंगे. यहां रहने वाले लोगों को सरकारों की चाहत से ही उजड़ना है और सरकारों के कहे पर ही कहीं और बस जाना है.
नीतीश मुख्यमंत्री पद के तथाकथित ‘बलिदान’ के कुछ ही घंटों के भीतर भाजपा के समर्थन से फिर उसी कुर्सी पर काबिज़ हो गए, जो प्रदेश की जनता द्वारा दिए गए जनादेश से धोखा करने जैसा है.
उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ दलील दी थी कि ये नदियां कई अन्य राज्यों से होकर भी बहती हैं. ऐसे में इन नदियों की ज़िम्मेदारी केवल उत्तराखंड को नहीं दी जा सकती.
राज्य बनने के बाद तेलंगाना में 3000, मध्य प्रदेश में 21 दिन में 40, मराठवाड़ा में दो हफ़्ते में 42 और छत्तीसगढ़ में एक पखवाड़े में 12 किसानों ने आत्महत्या की है.
मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग के दौरान मारे गए किसानों की हत्या के विरोध में गुरुवार को नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत हुई.
मध्य प्रदेश में 24 घंटे में तीन किसानों ने की आत्महत्या. भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय बोले- क़र्ज़ नहीं, पारिवारिक कारण या फ्रस्ट्रेशन है आत्महत्या की वजह.
सोलह से अधिक राज्यों के किसानों ने मिलकर बनाई समन्वय समिति. 16 जून को दिल्ली में बैठक के बाद तय होगी किसान आंदोलन की रणनीति.
मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री कई अधिकारियों को निलंबित कर चुके हैं, वहीं केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सीएम से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है.
पहाड़ काट कर हो रहे निर्माण और पनबिजली संयंत्र लगाने के धमाकों से पहाड़ का सीना फट रहा है. तलहटी के हरिद्वार, देहरादून सरीखे शहर बजबजाते स्लम बन चुके हैं. गोमुख से हरिद्वार तक सभ्यता का ज़हरीला कचरा फैल गया है.
उत्तराखंड के देहरादून में एक सैन्य अधिकारी पर तीन कुत्तों को जान से मारने और दो अन्य को गंभीर रूप से घायल करने का आरोप है