बीते 26 नवंबर को गुजरात के राजकोट शहर के एक कोविड-19 अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से पांच मरीज़ों की मौत हो गई थी. गुजराती के दिव्य भास्कर ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि अस्पताल में आग लगने के संबंध में गिरफ़्तार तीन लोगों को वीआईपी सुविधाएं मुहैया कराई गईं.
बीते 26 नवंबर को गुजरात के राजकोट में कोविड-19 अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से पांच मरीजों की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हो गए थे. 27 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए गुजरात सरकार से रिपोर्ट मांगी थी.
इससे पहले अगस्त महीने में अहमदाबाद के एक निजी कोविड-19 अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने के बाद आठ कोरोना मरीज़ों की मौत हो गई थी.