जन गण मन की बात की 256वीं कड़ी में विनोद दुआ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उपराज्यपाल के कार्यालय पर धरने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की कथित साज़िश पर चर्चा कर रहे हैं.
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने अदालत में सरकार का पक्ष रखने के लिए पिछले साल 14 वकीलों का पैनल नियुक्त किया था.
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने रिपोर्ट में आशंका जताई है कि दिल्ली में एफसीआई गोदामों से राशन का वितरण हुआ ही नहीं और अनाज चोरी की आशंका को नकारा नहीं जा सकता है.
उपराज्यपाल को लिखे पत्र में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘आप दिल्ली के उपराज्यपाल हैं. आप आईएएस अधिकारी रहे हैं, लेकिन मैं आपसे आईएएस अधिकारी के चश्मे से चीजों को नहीं देखने का अनुरोध करता हूं.’
राज्यसभा में हुई चर्चा में तृणमूल कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को मजेंटा मेट्रो उद्घाटन समारोह में न बुलाने को ओछी राजनीति बताया.
जन सेवाएं लोगों के घर तक पहुंचाने के दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने वापस लौटाया.
चिदंबरम ने तमिलनाडु के राज्यपाल पर बोला हमला, कहा- वे राज्य कार्यपालिका के वास्तविक प्रमुख नहीं हैं, मुख्यमंत्री को आदेश देना चाहिए कि प्रशासन राज्यपाल द्वारा बुलाई बैठक का हिस्सा बनने से इनकार कर दे.
सत्येंद्र जैन ने कहा, लोग सड़क दुर्घटना पीड़ितों को पास के निजी अस्पताल के बजाय सरकारी अस्पताल ले जाते हैं, जिससे वे जल्दी उपचार से वंचित हो जाते हैं.
कोर्ट ने कहा, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था केंद्र के दायरे में आती है और दिल्ली विधानसभा इन विषयों के बारे में कानून नहीं बना सकती है.
उच्चतम न्यायालय ने कहा, मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद की सहायता और परामर्श शब्द शून्य में नहीं हैं, उन्हें कुछ मायने तो देना ही होगा.
कोर्ट ने कहा, अगर दिल्ली सरकार एक नीतिगत फ़ैसला करती है तो वह एलजी को जानकारी देने के लिए बाध्य है, परंतु एलजी का सहमत होना ज़रूरी नहीं है.
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा अनुच्छेद 239 एए दिल्ली के संबंध में विशिष्ट है और पहली नजर में ऐसा लगता है कि दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों से दिल्ली के उपराज्यपाल को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं.
आप को 31 दिसंबर 2015 को राउज एवेन्यू में बंगला संख्या 206 आवंटित किया गया था. इस साल अप्रैल में उपराज्यपाल ने बंगले का आवंटन नियमों और क़ानून के विपरीत बताते हुए रद्द कर दिया था.
एक महीने के अंदर सीवर में सफ़ाई के दौरान डूबकर दस मौतें होने के बाद दिल्ली सरकार ने यह फ़ैसला लिया है.
दिल्ली सरकार ने मनमानी फीस वसूलने का आरोप लगाते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल को भेजा था प्रस्ताव.