दादा साहब फाल्के: सिनेमा की शुरुआत करने वाले की पहचान सिर्फ़ एक अवॉर्ड तक सीमित

जयंती विशेष: 1944 में उनकी एक गुमनाम शख़्स की तरह मौत हो गई जबकि तब तक उनका शुरू किया हुआ कारवां काफी आगे निकल चुका था. फिल्मी दुनिया की बदौलत कुछ शख़्सियतों ने अपना बड़ा नाम और पैसा कमा लिया था. घुंडीराज गोविंद फाल्के को हम आम तौर पर दादा साहब फाल्के के नाम से जानते हैं. भारतीय सिनेमा की शुरुआत करने वाले इस शख्स की पहचान सिर्फ आज एक अवॉर्ड के नाम तक महदूद रह गई है. भारत सरकार

प्रसार भारती पर क़ब्ज़े की चाहत ही मौजूदा झगड़े की जड़ है

प्रसार भारती में सूचना प्रसारण मंत्रालय का बढ़ता हस्तक्षेप इस बात का सबूत है कि मंत्रालय चीज़ों को बेहतर बनाने की जगह हर चीज़ पर नियंत्रण स्थापित करना चाहता है.

प्रसार भारती से नाराज़ स्मृति ईरानी ने दूरदर्शन और आकाशवाणी का सैलरी फंड रोका

विशेष रिपोर्ट: प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश ने बताया कि कर्मचारियों को जनवरी और फरवरी महीने का वेतन संस्थान की आकस्मिक निधि से दिया गया है.

क्षेत्रीय फिल्मों को हिंदी में डब करने या सबटाइटल देने संबंधी प्रस्ताव पर राष्ट्रपति की मुहर

राष्ट्रपति ने उस सिफ़ारिश को मंज़ूरी दे दी है, जिसमें यह कहा गया था कि राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम या तो क्षेत्रीय फिल्मों को हिंदी में डब करे या फिर उसमें हिंदी सब-टाइटल मुहैया कराए.