तमाम योजनाओं और करोड़ों रुपये ख़र्च होने के बावजूद गंगा अगर साफ़ नहीं, तो ज़िम्मेदारी किसकी है

उत्तर प्रदेश के वाराणसी के घाटों पर अत्यधिक मात्रा में शैवाल पाए जाने के बाद से एक बार फिर से बहस तेज़ हो गई है कि आखिर हज़ारों करोड़ रुपये ख़र्च करने के बाद भी गंगा स्वच्छ क्यों नहीं हो पा रही है. सवाल उठता है कि क्या भारत सरकार द्वारा गंगा पुर्नरुद्धार के नाम पर बनाई गई परियोजनाएं काग़ज़ी दावे बनकर रह गई हैं.

केंद्र ने कोरोना के इलाज में गंगाजल पर शोध करने का किया था प्रस्ताव, आईसीएमआर ने नकारा

आईसीएमआर ने कहा कि फिलहाल उपलब्ध आंकड़े इतने पुख्ता नहीं हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए से गंगाजल पर क्लिनिकल ट्रायल किया जा सके.

बजट 2020: मौजूदा वित्त वर्ष के लिए गंगा सफाई के बजट में 50 फीसदी की कटौती

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए रिवरफ्रंट के सौंदर्यीकरण का बजट घटाकर सिर्फ एक लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के बजट में करीब 30 फीसदी की कटौती की गई है.

बजट 2019: पिछले साल की तुलना में इस साल गंगा सफाई के बजट में 1500 करोड़ की कटौती

इस साल मई तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक विभिन्न परियोजनाओं के लिए 28,451 करोड़ रुपये की मंज़ूरी दी गई, लेकिन उनमें से केवल 25 फीसदी राशि ही ख़र्च की जा सकी.

द वायर बुलेटिन: क्लीन गंगा फंड की 80 फीसदी से अधिक राशि अब तक ख़र्च नहीं हुई

बिहार में एसडीएम से बदसलूकी पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज होने समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

क्लीन गंगा फंड की 80 फीसदी से अधिक राशि अब तक ख़र्च नहीं हुई

द वायर द्वारा प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली क्लीन गंगा फंड के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की समय पर बैठक नहीं होने की वजह से गंगा सफाई के लिए परियोजनाओं की स्वीकृति और पैसे ख़र्च नहीं हो पा रहे हैं.

एनजीटी ने गंगा के हालात बेहद ख़राब बताते हुए गंगाजल को इस्तेमाल योग्य नहीं बताया

एनजीटी ने सवाल उठाया कि अगर सिगरेट के पैकेटों पर ‘यह स्वास्थ्य के लिए घातक है’ चेतावनी लिखी हो सकती है, तो लोगों को नदी के जल के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जानकारी क्यों नहीं दी जाए.

2014 से अब तक गंगा की सफाई पर 3,867 करोड़ रुपये से अधिक ख़र्च हुए: केंद्र सरकार

हाल ही में एनजीटी ने कहा है कि सरकार ने गंगा सफाई पर करोड़ों रुपये ख़र्च तो कर दिए है लेकिन गंगा अभी भी पर्यावरण के लिए एक गंभीर विषय बना हुआ है. इसकी सफाई के लिए कोई क़दम नहीं उठाया गया.

गंगा की सफाई के लिए शायद ही कुछ किया गया, हालात बेहद ख़राब: एनजीटी

एनजीटी ने कहा था कि सरकार ने गंगा सफाई पर 7,000 करोड़ रूपये खर्च कर दिया है लेकिन गंगा अभी भी पर्यावरण के लिए एक गंभीर विषय बना हुआ है.

नमामि गंगे कोष के लगभग 25,00 करोड़ रुपये नहीं हुए इस्तेमाल: कैग

संसद में पेश एक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार कोई योजना न होने के कारण स्वच्छ गंगा कोष में पड़ी करोड़ों रुपये की राशि इस्तेमाल न होने की बात सामने आई है.