मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया था. सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी की अध्यक्षता में ओबीसी समुदाय के उप-वर्गीकरण के लिए एक आयोग का गठन किया गया है, ताकि कमजोर वर्गों तक आरक्षण की पहुंच बढ़ाई जा सके.
राष्ट्रीय सामाजिक एवं शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन से क्या होगा यह सिर्फ मोदी जानते हैं. लेकिन यह तय है कि जाति विषमता पर कुछ करना है तो सिर्फ नाम बदलने से काम नहीं चलेगा.