ट्रेड यूनियनों ने सरकार से एमएसएमई क्षेत्र को संकट से उबारने के लिए सहायता देने की मांग की

राष्ट्रीय कार्मिक प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित वेब बैठक में विभिन्न ट्रेड यूनियनों के नेताओं ने कहा कि सरकार, कंपनियों के प्रबंधन, श्रमबल को मिलकर समन्वित तरीके से काम करना होगा तभी अर्थव्यवस्था को संकट से बाहर निकाला जा सकेगा और वृद्धि को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा.

कोविड-19 से एमएसएमई क्षेत्र को लगा झटका, कई ने अस्थायी रूप से बंद किया कारोबार: सर्वे

500 भारतीय एमएसएमई इकाइयों से बातचीत पर आधारित एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि मुख्य रूप से महानगरों तथा खुदरा और विनिर्माण क्षेत्र के एमएसएमई का कारोबार कोविड-19 संकट की वजह से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है.

लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के नरेंद्र मोदी के दावे में दम नहीं है

अगले छह महीनों में विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था में अधिक तेज़ी से होने वाले जिस सुधार को लेकर प्रधानमंत्री इतने आश्वस्त हैं, वह भारी-भरकम सरकारी ख़र्च के बिना असंभव लगता है. अर्थव्यवस्था को इतना नुकसान पहुंचाया जा चुका है कि सुधार की कोई कार्य योजना पेश करने से पहले गंभीरता से इसका अध्ययन करना ज़रूरी है.

तीन में से एक छोटा उद्योग बंद होने की कगार पर: सर्वे

ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन द्वारा कराया गया ये सर्वे एमएसएमई, स्व-रोजगार, कॉरपोरेट सीईओ और कर्मचारियों से प्राप्त कुल 46,525 जवाबों पर आधारित है.

एमएसएमई क्षेत्र के लिए सरकार द्वारा दिया जा रहा गारंटी फ्री लोन समस्या का समाधान नहीं है

सूक्ष्म,लघु और मध्यम उपक्रम यानी एमएसएमई क्षेत्र के लिए सरकार ने तीन लाख करोड़ रुपये के गारंटी फ्री लोन का ऐलान किया है. उम्मीद की जा रही है कि यह बेरोज़गारी के संकट को ख़त्म करने में मददगार साबित होगा और बाज़ार में मांग पैदा करेगा, लेकिन इस क्षेत्र के हालात ऐसे नहीं है कि सिर्फ एक लोन पैकेज से तस्वीर बदल जाए.

नोटबंदी के बाद से छोटे उद्योगों द्वारा बैंकों का लोन नहीं चुकाने का मार्जिन दोगुना हो गया

भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, मार्च 2017 तक लोन न चुकाने का मार्जिन 8,249 करोड़ था जो मार्च 2018 तक बढ़कर 16,111 करोड़ रुपये हो गया.

लघु उद्योगों के निर्यात पर नोटबंदी से ज़्यादा जीएसटी की मार पड़ी: रिज़र्व बैंक रिपोर्ट

लघु एवं मझोले उद्यमों यानी एमएसएमई को देश की आर्थिक वृद्धि का एक महत्वपूर्ण इंजन माना जाता है और देश के कुल निर्यात में इसका 40 फीसदी योगदान है.

रक्षा मंत्रालय के ख़िलाफ़ लघु एवं मध्यम उद्योग जाएंगे अदालत, सड़क पर उतरकर करेंगे प्रदर्शन

रक्षा मंत्रालय द्वारा वर्दी सहित 6,000 करोड़ रुपये के सैन्य उत्पादों की ख़रीद रद्द करने के फैसले से रक्षा उत्पादन इकाइयों के लगभग छह लाख लोगों के बेरोज़गार होने और तैयार उत्पादों की बर्बादी का ख़तरा पैदा हो गया है.