हरिद्वार में चल रहे कुंभ में शामिल हुए 70 वर्षीय संत कोरोना संक्रमित होने के बाद शहर के एक कोविड सेंटर में भर्ती थे. हालत बिगड़ने पर उन्हें एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल ले जाया गया, जहां कथित तौर पर आईसीयू बेड की अनुपलब्धता के चलते उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया गया. सोमवार को उन्होंने दम तोड़ दिया.
एम्स ऋषिकेश में होने वाले और विज्ञान एवं तकनीक विभाग द्वारा फंड किए गए इस अध्ययन में हल्के लक्षणों वाले कोरोना मरीज़ों पर प्राणायाम के प्रभावों का मूल्यांकन भी किया जाएगा.