इस महीने के शुरुआत में दिल्ली स्थित न्यूजीलैंड दूतावास ने ट्विटर पर यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. को टैग कर ‘तत्काल’ उनके परिसर में ऑक्सीजन सिलेंडर देने की गुज़ारिश की थी. हालांकि जब इसे लेकर विवाद उठा कि भारत सरकार दूतावासों की मदद नहीं कर रही है, इसलिए उन्हें यूथ कांग्रेस से गुज़ारिश करनी पड़ रही है, तो न्यूजीलैंड दूतावास ने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया था.
गोमती नगर के सन हॉस्पिटल ने तीन मई को एक नोटिस में रोगियों के परिजनों से ऑक्सीजन की कमी के चलते उनके मरीज़ को अस्पताल से शिफ्ट करने की बात कही थी. इसके बाद लखनऊ प्रशासन ने अस्पताल पर ऑक्सीजन की कमी को लेकर 'झूठी ख़बर' फैलाने के आरोप में मामला दर्ज करवाया है. अस्पताल ने कहा है कि वे इसके ख़िलाफ़ हाईकोर्ट जाएंगे.
घटना रायबरेली की है, जहां कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में आरोप लगाया गया था कि ज़िले में स्वास्थ्य आपातकाल के दौरान 20 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन पड़ोसी ज़िले कानपुर भेजी गई. ज़िला प्रशासन ने तीन स्थानीय पत्रकारों को नोटिस जारी कर उन जानकारियों का स्रोत पूछा है, जिसके आधार पर ख़बरें लिखी गई थीं.
दिल्ली में कोविड संकट के बीच फिलीपींस और न्यूज़ीलैंड दूतावासों द्वारा यूथ कांग्रेस प्रमुख श्रीनिवास बीवी से ऑक्सीजन सिलेंडर की मदद मांगी गई थी, जिसे लेकर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने विदेश मंत्रालय पर निशाना साधा था. इसके बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यूथ कांग्रेस द्वारा की गई आपूर्ति 'अनचाही' थी.
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल के इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है. विपक्ष ने इसे संवेदनहीन क़रार देते हुए कहा है कि जब देश में ऑक्सीजन की अत्यधिक ज़रूरत है, ऐसे में वे इसे कम करने के लिए कह रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. सिंह का हवाला देते हुए लोग लिखने लगे थे कि जब केंद्रीय मंत्री को बेड नहीं मिल रहा है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस महामारी में आम आदमी को कितनी तकलीफ हो रही होगी. बाद में वीके सिंह ने स्पष्ट किया कि उनका इस व्यक्ति के कोई संबंध नहीं हैं और वह ट्वीट ज़िला प्रशासन को संक्रमित व्यक्ति तक पहुंचने के लिए किया
चार्जशीट में इन दोनों व्यक्तियों पर सरकारी धन के व्यक्तिगत हित में उपयोग का आरोप लगाया गया है.
रायपुर के बीआर आंबेडकर अस्पताल का मामला. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने दिए जांच के आदेश.