दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रॉक्टर द्वारा जारी किए गए एक नोटिस के अनुसार, विरोध प्रदर्शन करने वाले आयोजकों को कार्यक्रम की जानकारी, वक्ताओं की सूची, प्रतिभागियों की अपेक्षित संख्या जैसी अन्य जानकारियां प्रस्तुत करनी होगी.
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रशासन का कहना है कि चुनाव में लिंग्दोह कमेटी की सिफारिशों का उल्लंघन करने की वजह से अब तक यूनियन अधिसूचित नहीं हुई है. वहीं, छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष ने कहा कि 8500 स्टूडेंट्स की यूनियन की आवाज को इस तरह प्रशासन बंद नहीं कर सकता.
वामपंथी छात्र संगठनों एआईएसए, एसएफआई, एआईएसएफ और डीएसएफ के संयुक्त मोर्चे की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आईशी घोष जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष चुनी गई हैं. उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मनीष जांगिड़ को हराया है. एसएफआई को 13 साल बाद अध्यक्ष पद मिला है.
छात्रसंघ चुनाव में काउंसिलर पद के लिए खड़े दो छात्रों का आरोप है कि प्रशासन ने ग़लत तरीके से उनका नामांकन ख़ारिज किया है, जिसके ख़िलाफ़ उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील की है.