गुजरात: पिछले दो सालों में राज्य में पुलिस हिरासत में 157 लोगों की मौत

गुजरात सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विधानसभा को बताया कि 2019 में पुलिस हिरासत में 70 मौतें हुईं, जबकि 2020 में 87 लोगों की जान गई थी.

गुजरातः कथित ‘अवैध’ हिरासत में रखे गए दूसरे शख़्स की भी पुलिस की पिटाई से मौत

कच्छ ज़िले के मुंद्रा थाने का मामला. 12 जनवरी को चोरी के संदेह में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ़्तार किया था, जिनमें से एक की मौत 19 जनवरी को हो गई थी. तब भी आरोप लगा था कि पुलिस की बर्बर पिटाई के बाद उनकी जान गई.

गुजरातः हिरासत में मौत के मामले में तीन पुलिसकर्मी निलंबित, हत्या का मामला दर्ज

गुजरात के कच्छ ज़िले के मुंद्रा पुलिस स्टेशन का मामला. चोरी के संदेह में गिरफ़्तार किए गए एक मज़दूर की 19 जनवरी को मौत हो गई थी. आरोप है कि हिरासत में बेरहमी से उनकी पिटाई की गई थी. मामले में मुंद्रा पुलिस इंस्पेक्टर को भी लापरवाही बरतने की वजह से निलंबित किया गया है.

चित्रकथा: गुजरात में बीते 30 सालों का सबसे भीषण सूखा

राज्य सरकार का कहना है कि इस स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त काम किए जा रहे हैं लेकिन इन दुर्गम क्षेत्रों में जीवन अब भी जस का तस बना हुआ है.

गुजरात चुनाव: एक ही सवाल बार-बार, कहां गईं नौकरियां-कहां है रोज़गार

राज्य के मौजूदा राजनीतिक विमर्श में रोज़गार और नौकरी को लेकर उठी आवाज़ें दब-सी गयी हैं. पूरा चुनाव प्रचार षड्यंत्रों की उल्टी-सीधी दास्तानों और ध्रुवीकरण पर आधारित हो गया है.