कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गए पुलिसकर्मियों की बर्बर हत्या को एक अपराधी के दुस्साहस और पुलिस की रणनीति में कमी तक सीमित करना अपराध-राजनीति के गठजोड़ की अनदेखी करना है. बिना राजनीतिक संरक्षण के किसी अपराधी में इतनी हिम्मत नहीं आ सकती कि वह पुलिस टीम को घेरकर मार डाले और आराम से फ़रार हो जाए.
वीडियो: कानपुर में अपराधियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक डीएसपी सहित उत्तर प्रदेश पुलिस के कम से कम आठ पुलिसकर्मी मारे गए. पुलिस, हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ़्तार करने गई हुई थी, जिसके ख़िलाफ़ क़रीब 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
बीते दो जुलाई को उत्तर प्रदेश के कानपुर में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों ने हमला कर दिया था, जिसमें डिप्टी एसपी, एक थानाध्यक्ष समेत आठ पुलिसकमियों की मौत हो गई थी.
पुलिस के अनुसार, कानपुर के चौबेपुर थानाक्षेत्र के दिकरू गांव में एक पुलिस दल गुरुवार देर रात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ़्तार करने जा रहा था, जब उनका रास्ता बाधित कर पास की छत से अंधाधुंध गोलियां चलाई गईं. घटना में सात लोग घायल भी हुए हैं. दुबे के ख़िलाफ़ क़रीब 60 आपराधिक मामले चल रहे हैं.