आरटीआई के तहत स्विट्ज़रलैंड से कालाधन मामलों में मिली सूचना के बारे में ब्योरा मांगा गया था जिसमें कंपनियों तथा लोगों के नाम शामिल हैं. इसके अलावा सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी मांगी गई थी.
सोशल नेटवर्किंग साइटों को खंगालेंगे आयकर अधिकारी, डेटा विश्लेषण और सूचनाओं से पता लगाएंगे किसी व्यक्ति के खर्च और आमदनी के बीच का अंतर.