‘बिन जिया जीवन’ समकालीन चिंताओं और संवेदनाओं की पुरानी अभिव्यक्ति है

पुस्तक समीक्षा: कुलदीप कुमार की कविताएं पिछले तीन दशकों में हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में आती रही हैं, पत्रकार की हैसियत से वे साहित्य-संस्कृति की जानी-मानी शख्सियतों से बातचीत करते रहे हैं. ऐसे अदीब से यह उम्मीद रहती है कि अपनी मौलिक रचनाओं में वे नई अंतर्दृष्टि की तलाश करेंगे. हाल ही में प्रकाशित उनके संग्रह 'बिन जिया जीवन' में सादगी के साथ इस उम्मीद को पूरा करने की कोशिश है.

बेहद समृद्ध रहा है भारतीय संगीत में मुस्लिमों का इतिहास

रूढ़िवादी ताक़तों के उभार के कारण बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों की मेल-जोल वाली संगीत जैसी सांस्कृतिक परंपराएं ख़तरे में आ गई हैं.

औरंगज़ेब: मैं एक अजनबी की तरह आया, अजनबी की तरह ही चला जाऊंगा

शिवाजी और औरंगज़ेब के बीच चले लंबे संघर्ष का हिन्दू-मुस्लिम संघर्ष से कोई संबंध नहीं है. यह शुद्ध रूप से राजनीतिक सत्ता के लिए लड़ाई थी, वरना शिवाजी की सेना और प्रशासन में भी मुसलमानों की कमी नहीं थी.