विशेष रिपोर्ट: देश भर के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में अधिकतर संसाधन कोविड-19 से निपटने में लगे हैं. कई जगहों पर ओपीडी और गंभीर बीमारियों से संबंधित विभाग बंद हैं और इमरजेंसी में पर्याप्त डॉक्टर नहीं हैं. ऐसे में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे मरीज़ और उनके परिजनों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं.
तीन बार बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके 82 वर्ष के जगन्नाथ मिश्रा लंबे समय से कैंसर और अन्य बीमरियों से जूझ रहे थे.
मेडिकल जर्नल द लैंसेट ने ऐसे कुछ तौर-तरीकों की सूची तैयार की है, जिनसे कैंसर के इलाज के दौरान बचा जाना चाहिए.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की इनवेस्टिगेटिव रिपोर्ट में सामने आया है कि 1971 से 2000 तक कंपनी के बेबी पाउडर की जांच में कई बार कैंसर फैलाने वाला हानिकारक केमिकल एसबेस्टस पाया गया था.
भारत में कैंसर को लेकर कोई ज़िद किसी नेता में नज़र नहीं आती. कैंसर होते ही मरीज़ के साथ पूरा परिवार बर्बाद हो जाता है. कई संस्थाएं कैंसर के मरीज़ों के लिए काम करती हैं मगर इसे लेकर रिसर्च कहां है, जागरूकता कहां है, तैयारी क्या है?
चेन्नई के केंद्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान के मुताबिक, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा पर सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को बांटे गए जूते-चप्पलों में एजेडओ रसायन मिला हुआ है जो त्वचा के कैंसर का कारक होता है.
22 कैंसर पीड़िताओं ने दर्ज कराई थी शिकायत. अमेरिका में इस संबंध में 9,000 से ज़्यादा शिकायत कंपनी के ख़िलाफ़ दर्ज हैं. कंपनी के पाउडर संबंधी उत्पादों में हानिकारक रसायन एसबेस्टस पाया जाता है.
हिमंत बिस्वा शर्मा के कैंसर संबंधी बयान पर पी चिदंबरम ने कहा पार्टी बदलने वाले के साथ यही होता है, वहीं सफाई देते हुए शर्मा ने कहा भगवान कृष्ण की मृत्यु भी उनके कर्मों के फलस्वरूप हुई थी.
द लैनसेट प्लैनेटरी हेल्थ पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि स्वच्छ वायु के कई लाभों में, हड्डियों की मजबूती एवं उन्हें टूटने से बचाना भी शामिल है.
जीएसटी के चलते डायलिसिस, पेसमेकर लगाने, आर्थोपेडिक्स में सहायक उपकरणों और कैंसर उपचार के लिए अधिक ख़र्च करना पड़ सकता है.