तिहाड़ जेल में कोरोना वायरस का पहला मामला, सहायक अधीक्षक संक्रमित

कोरोना संक्रमित अधिकारी की तैनाती केंद्रीय कारागार नंबर-7 में तैनात थी. इससे पहले दिल्ली की रोहिणी जेल में सहायक अधीक्षक और मंडोली जेल के उपाधीक्षक भी संक्रमित पाए गए थे.

लॉकडाउन के दौरान जेलों से 42 हज़ार से अधिक विचाराधीन क़ैदियों को किया गया रिहा: रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने बीते मार्च महीने में कोरोना वायरस के मद्देनज़र जेलों में भीड़भाड़ को कम करने का निर्देश दिया था. राष्ट्रीय क़ानूनी सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 9,977 विचाराधीन क़ैदियों को रिहा किया गया.

कोरोना: महिला अधिकार समूहों ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को जेल से छोड़ने की मांग की

महिला अधिकार समूहों ने अपने बयान में हालिया घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा है कि सरकार बुद्धिजीवियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के साथ-साथ पत्रकारों को भी निशाना बना रही है, जो उसकी दोषपूर्ण नीतियों पर सवाल उठाते रहे हैं.

कोरोना वायरस: असम के हिरासत केंद्रों में दो साल से बंद क़ैदियों को रिहा करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने असम के हिरासत केंद्रों में कैद की अवधि तीन साल से घटाकर दो साल करने के साथ ही निजी मुचलके की राशि भी एक लाख रुपये से घटाकर पांच हजार रुपये कर दी है.

नगालैंड: कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र सौ से अधिक विचाराधीन क़ैदियों को रिहा किया गया

कोरोनावायरस के चलते सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से जेल में बंद क़ैदियों की रिहाई के लिए एक पैनल गठित करने को कहा है. यह पैनल सात साल तक की सज़ा से संबंधित अपराधों के सज़ायाफ़्ता या इतने ही समय की सज़ा होने के अपराध के आरोपी विचाराधीन क़ैदियों की अंतरिम ज़मानत या पैरोल पर रिहाई के बारे में निर्णय देगा.

हिरासत केंद्रों से लोगों की रिहाई की मांग, केंद्र और असम सरकार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

कोरोना वायरस के मद्देनज़र असम के एक गैर सरकारी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि ऐसी ही राहत उन लोगों को भी दिए जाने की आवश्यकता है, जिन्हें फॉरेन ट्र‌िब्यूनल द्वारा विदेशी नागरिक घोषित किए जाने के बाद हिरासत में रखा गया है.

कोरोना: मानवाधिकार संस्था ने कहा, राजनीतिक बंदियों समेत अन्य क़ैदियों को रिहा करना चाहिए

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त के प्रवक्ता रूपर्ट कोलविले ने ख़ासकर उन लोगों को जिन्हें ज़्यादा ख़तरा है, जैसे- गर्भवती महिलाएं, मधुमेह पीड़ित, बुजुर्ग कैदी, छोटे-मोटे अपराध में बंद कैदी और ऐसे लोग जो अपनी सज़ा करीब-करीब पूरी कर चुके हैं, उन्हें भी रिहा करने की सिफ़ारिश की है.

कोरोना के चलते छत्तीसगढ़ की जेलों से छोड़े गए 584 क़ैदी

अधिकारियों ने बताया कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जेलों में क़ैदियों की संख्या कम करने का निर्णय लिया गया था, जिससे यहां कोरोना वायरस का ख़तरा कम किया जा सके. क़ैदियों को कुछ शर्तों के अधीन अंतरिम ज़मानत, पैरोल और सज़ा पूरी होने पर छोड़ा गया है.