सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि कोरोना वायरस का इलाज का ख़र्च आम जनता की सीमा से बाहर है. अगर कोई शख़्स संक्रमण से ठीक हो भी जाता है तो इलाज की लागत उसे ख़त्म कर देती है. कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वास्थ्य का अधिकार मौलिक अधिकार है. यह राज्य का कर्तव्य है कि वह किफ़ायती इलाज के लिए प्रावधान बनाए.
दिवाली के बाद कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने पर गुजरात के अहमदाबाद में कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया गया है. कर्फ्यू के दौरान सिर्फ़ दूध बेचने वाली दुकानें और दवाओं की दुकानें ही खुली रहेंगी.
दिल्ली में बीते हफ्ते कोरोना से हर घंटे चार लोगों की मौत हुई. रविवार को कोरोना से राजधानी में 95 मौतें हुई, जो अब तक का एक दिन में तीसरा सबसे अधिक स्तर है.
पुणे के जहांगीर हॉस्पिटल की क़रीब 200 नर्सों के विरोध के बाद अस्पताल प्रशासन ने न सिर्फ वेतन बढ़ोतरी की मांग को ख़ारिज कर दिया, बल्कि उनकी जगह नए स्टाफ की नियुक्ति की धमकी भी दी है.
दिल्ली के हकीम अब्दुल हमीद सेंटेनरी अस्पताल ने बिना कारण बताए अस्पताल की 84 नर्सों को नौकरी से हटा दिया है, इनमें एक कोरोना संक्रमित नर्स भी शामिल हैं. इंडियन प्रोफेशनल नर्सेज एसोसिएशन ने अस्पताल को पत्र लिखकर इस फ़ैसले को वापस न लेने पर क़ानूनी कार्रवाई करने की बात कही है.
हैदराबाद में ज्वैलर्स एसोसिएशन के कम से कम 100 सदस्यों ने हाल ही में एक कारोबारी की जन्मदिन पार्टी में भाग लिया था. दो मौतों के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों ने कॉन्ट्रैक्ट ट्रेसिंग करनी शुरू कर दी है.
यह मामला हैदराबाद के गांधी अस्पताल का है. अस्पताल का कहना है कि यहां ऐसे क़रीब 35 लोग हैं, जिन्हें उनका परिवार वापस घर ले जाने से बच रहा है.
मृतक हिंदू राव अस्पताल में बतौर वॉर्ड ब्वॉय काम करते थे, जिन्हें खांसी और सांस लेने में दिक्कत के बाद 26 जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 27 जून को वे कोरोना संक्रमित पाए गए और अगले दिन किडनी फेल होने के बाद उनकी मौत हो गई.
सीआईसी ने कहा कि इस मामले के तथ्यों और सभी स्टेकहोल्डर्स द्वारा आयोग के सामने पेश किए गए जवाबों से पता चलता है कि कोरोना महामारी से संबंधित बेहद जरूरी जानकारी को मंत्रालय के किसी भी विभाग द्वारा मुहैया नहीं कराया जा सका है.