केंद्र सरकार ने देश के कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया है. इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में झारखंड सरकार ने कहा है कि इस निर्णय से पहले राज्य सरकारों को विश्वास में लेने की ज़रूरत थी.
केंद्र सरकार द्वारा कोयले के वाणिज्यिक खनन की अनुमति के खिलाफ कोल इंडिया से जुड़े कर्मचारी संगठन दो जुलाई से तीन दिन हड़ताल पर थे. इस क़दम के साथ देश के कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया गया है.
केंद्र सरकार द्वारा कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने के विरोध में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया में श्रमिक संगठन दो से चार जुलाई तक हड़ताल पर थे. संगठनों ने 18 अगस्त को एक दिन की हड़ताल पर जाने का फैसला भी किया है, इस दिन ही निजी कंपनियों द्वारा 41 ब्लॉक के लिए बोली जमा करने की अंतिम तारीख़ है.
केंद्र सरकार के वाणिज्यिक कोयला खनन की अनुमति देने के विरोध में कोल इंडिया के मज़दूर संगठनों ने गुरुवार से तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की है. सरकार ने इस क़दम से देश के कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 18 जून को 41 कोयला ब्लॉक के वाणिज्यिक खनन को लेकर नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत की थी. इस क़दम के साथ देश के कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया गया है.
केंद्र सरकार ने कोयला खदानों को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि खदानों की नीलामी प्रक्रिया में केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकारों को विश्वास में ज़रूरत थी. खनन से जंगल और आदिवासी जनसंख्या प्रभावित होगी.
कोयला क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोले जाने के सरकार के फैसले के विरोध में कोल इंडिया और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के श्रमिक संगठनों ने दो जुलाई से तीन दिन की देशव्यापी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है.1
जाने-माने हाथी विशेषज्ञ रमन सुकुमार ने पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर कहा है कि कोल इंडिया की सहायक कंपनी नॉर्थ इस्टर्न कोलफील्ड्स के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए क्योंकि उन्होंने असम के देहिंग पटकई एलिफेंट रिज़र्व में खनन को लेकर नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ से तथ्य छिपाया है.
सीबीआई का आरोप है कि महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के चार पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों ने नामजद कंपनियों के साथ मिलकर कोयला आपूर्ति के एक मामले में महानदी कोलफील्ड्स को चूना लगाने की साजिश रची.
राज्य सरकार के अवैध कोयला खनन को रोकने में नाकाम रहने पर एनजीटी ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर यह जुर्माना लगाया था.
संसद में पेश सर्वेक्षण के अनुसार, नुकसान में रहने वाली शीर्ष 10 कंपनियों के कुल नुकसान में बीएसएनएल, एयर इंडिया और एमटीएनएल की हिस्सेदारी 55.66 प्रतिशत रही है.