बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में कहा गया है कि होटलों और रेस्तरां को संचालन की मंज़ूरी दी गई है, इसलिए वित्तीय परेशानियों से जूझ रहे सड़क पर सामान आदि बेचने वालों को भी काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
कंपनी का कहना है कि कोरोना वायरस संकट की वजह से उसके व्यवसाय पर नकारात्मक असर पड़ा है, इसलिए वह देशभर के अपने विभिन्न कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या कम कर रहे हैं. इससे पहले जोमैटो ने भी अपने 13 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी और कर्मचारियों की तनख्वाह में कटौती की घोषणा की थी.
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, उबर के फीनिक्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की प्रमुख रफिन शेवलॉ ने इन 3,500 कर्मचारियों को जूम ऐप के माध्यम से कॉल किया और कहा कि आज आपका आखिरी दिन है.
जोमैटो के संस्थापक और सीईओ दीपिंदर गोयल का कहना है कि कोविड लॉकडाउन के चलते हमारा कारोबार गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है और हमें अपने सभी कर्मचारियों के लिए पर्याप्त काम मिल पाने की उम्मीद नहीं दिख रही है.