अगस्त के अंतिम सप्ताह से दिल्ली में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. बीते चौबीस घंटे में दिल्ली में कोरोना के 4,235 नए मामलों के सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामलों की कुल संख्या 2,18,304 तक पहुंच गई है.
मामला नागपुर का है. 53 वर्षीय व्यक्ति 29 अगस्त को कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे. नागपुर नगर निगम के आयुक्त ने कहा कि वह यह देखेंगे कि एंबुलेंस मिलने में देरी क्यों हुई, लेकिन उन्हें इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है.
एक जनहित याचिका के जवाब में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि गर्भवती महिला के इलाज के साथ ही जांच हो सकती है. यदि जांच में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होती है तो महिला को उपचार के लिए विशेष कोविड-19 अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा.
दिल्ली सरकार द्वारा कोविड-19 के लिए अधिकृत जीटीबी अस्पताल में इस समय 300 से अधिक कोरोना संक्रमित भर्ती हैं. यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के शिक्षक संघ का कहना है कि बीते चार सालों से ऐसी ही स्थिति है, बार-बार मामला उठाए जाने के बावजूद प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है.
दिल्ली के शालीमार बाग़ स्थित कंटेनमेंट जोन में रहने वाली 32 वर्षीय महिला का आरोप है कि जांच में कोराना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उन्हें किसी दवा की ज़रूरत है या नहीं और क्या घर पर क्वारंटीन पूरा होने के बाद उन्हें कोई दूसरी जांच करानी होगी या नहीं.
मामला शामली ज़िले के सरकारी अस्पताल का है, जहां रविवार को एक टैक्सी चालक को सांस लेने में परेशानी होने पर आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. परिजनों का आरोप है कि ठीक प्रकार से इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई.
मामला ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके कालसेकर अस्पताल का है. आरोप है कि 70 वर्षीय कोरोना मरीज़ को अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया था. ठाणे के महापौर ने अस्पताल के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज करने आदेश दिया है.