दिल्ली के कौशल विकास मंत्रालय के दफ़्तर के बाहर प्रदर्शन करने वाले केंद्र संचालकों का आरोप है कि सरकार ने सेंटर तो शुरू करवा दिया, लेकिन काम सिर्फ बड़े-बड़े उद्योग घरानों को दे रही है.
श्रम सचिव एम. सत्यवती ने कहा, हर साल एक करोड़ युवा रोज़गार चाहने वालों में शामिल होते हैं. दुर्भाग्य से नौकरी पाने के लिए कई युवाओं में ज़रूरी कौशल नहीं होता.
नीति आयोग से जुड़ी संस्था का कहना है, 'रोज़गार की समस्या बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी के उपयोग और उपयुक्त कौशल की कमी की वजह से है.'