मामला बिहार के शेखपुरा का है. शेखपुरा से जदयू विधायक रणधीर कुमार सोनी एक क्वारंटीन सेंटर का दौरा करने पहुंचे थे. वहां क्वारंटीन किए गए प्रवासी मजदूरों ने उनसे पूछा था कि बिहार और केंद्र में मौजूद एनडीए सरकारें रोजगार क्यों पैदा नहीं कर पा रही हैं?
बिहार के विभिन्न ज़िलों के क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर लगातार खाने-पीने और स्वच्छता संबंधी अव्यवस्थाओं की शिकायत कर रहे हैं. कुछ सेंटर में रहने वाले कामगारों का यह भी आरोप है कि उनके इस बारे में शिकायत करने के बाद पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया है.
वीडियो: दिल्ली के सुल्तानपुरी क्वारंटाइन सेंटर में पिछले हफ्ते 59 वर्षीय मोहम्मद मुस्तफ़ा की मौत हो गई. वे पिछले महीने तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. आरोप है कि वे डायबिटीज़ के मरीज़ थे और समय पर इलाज और खाना न मिलने से उनकी मौत हुई है.
इस लॉकडाउन को इतने भर के लिए दर्ज नहीं किया जा सकता कि लोगों ने किचन में क्या नया बनाना सीखा, कौन-सी नई फिल्म-वेब सीरीज़ देखीं या कितनी किताबें पढ़ीं. यह दौर भारतीय समाज के कई छिलके उतारकर दिखा रहा है, ज़रूरत है कि आपकी नज़र कहां है?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैंसर अस्पताल द्वारा उठाया गया ये कदम राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के निर्देशों का उल्लंघन है जिसके तहत किसी भी मरीज को उसके धर्म या बीमारी के आधार पर इलाज से इनकार नहीं किया जा सकता है.
देश के विभिन्न शहरों से तमाम परेशानियों के बाद अपने गांव पहुंचे मज़दूरों को गांव के स्कूलों में बनाए गए क्वारंटाइन सेंटरों में रखा गया है. अधिकांश स्कूलों में बिजली, पानी, शौचालय आदि से जुड़ी अव्यवस्थाओं के चलते मज़दूरों का यह 'एकांतवास' नए संघर्ष में बदल गया है.