थोक मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 1.48 प्रतिशत पर आई, आठ माह का उच्चतम स्तर

इस साल फरवरी के बाद थोक मुद्रास्फीति का यह सबसे ऊंचा आंकड़ा है. फरवरी में यह 2.26 प्रतिशत पर थी. सितंबर में थोक मुद्रास्फीति 1.32 प्रतिशत और पिछले साल अक्टूबर में शून्य पर थी.

फल-सब्ज़ी महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में बढ़कर 7.34 फ़ीसदी हुई, आठ महीने का उच्च स्तर

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर सितंबर में बढ़कर 10.68 प्रतिशत हो गई, जो अगस्त में 9.05 प्रतिशत थी. सब्ज़ियों की महंगाई दर सितंबर महीने में बढ़कर 20.73 प्रतिशत रही, जो अगस्त में 11.41 प्रतिशत थी.

इस साल मई में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 9.28 फीसदी हुई: सरकारी आंकड़े

केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद लागू लॉकडाउन के दौरान लगातार दूसरे महीने खुदरा मुद्रास्फीति के आंशिक आंकड़े जारी किए. मई 2019 में खाद्य महंगाई दर 1.83 फीसदी थी.

खाने-पीने का सामान महंगा होने से थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 0.58 प्रतिशत पर पहुंची

प्याज सहित अन्य सब्जियों, दाल और मांस, मछली जैसी प्रोटीन वाली वस्तुओं के दाम चढ़ने से नवंबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 5.54 प्रतिशत पर पहुंच गई थी.

खुदरा मुद्रास्फीति दर 40 महीने के उच्चतम स्तर पर, औद्योगिक उत्पादन 3.8 फीसदी गिरा

बिजली, खनन और विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन अक्टूबर महीने में 3.8 प्रतिशत घट गया. एक साल पहले इसी माह में इसमें 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

खुदरा मुद्रास्फीति 18 माह के निचले स्तर पर, खाद्य वस्तुएं सस्ती होने से संकट में किसान

सब्ज़ियों, फलों और प्रोटीन वाले सामान मसलन अंडों के दाम में कमी आई है. हालांकि, मांस, मछली और दालों के दामों में मामूली बढ़ोतरी हुई है. उद्योग संघों ने आरबीआई से ब्याज घटाने को कहा है.