ओडिशा के मयूरभंज ज़िले का मामला है. गर्भवती महिला अपने पति के साथ बाइक पर स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल जा रही थीं. पति ने हेलमेट पहन रखा था, लेकिन गर्भवती महिला स्वास्थ्य कारणों से हेलमेट नहीं पहने हुई थीं. ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए महिला पुलिस अधिकारी ने उन पर जुर्माना लगा दिया था.
मामला गिरिडीह ज़िले का है, जहां 20 साल की गर्भवती महिला को घर पर प्रसव होने के बाद रक्तस्राव न रुकने पर उनके परिजन चारपाई से सात किलोमीटर तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन समय पर कोई चिकित्सक न मिलने के कारण अस्पताल के बाहर ही महिला और शिशु की मौत हो गई.
मामला गुना ज़िले का है. पांच महीने की गर्भवती महिला के पति द्वारा उसे छोड़ने के बाद उसके एक व्यक्ति के साथ रहने से नाराज़ ससुरालवालों ने उससे मारपीट की और कंधे पर एक युवक को बैठाकर तीन किलोमीटर तक नंगे पैर घुमाया. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद चार लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
मामला उत्तर केरल के मलप्पुरम ज़िले का है. 20 वर्षीय गर्भवती महिला को तीन अस्पतालों ने कथित तौर पर भर्ती करने से मना कर दिया था. राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सचिव को इसकी जांच का निर्देश दिया है.
मुजफ़्फ़रपुर में सरकारी संस्थागत प्रसव प्रोत्साहन योजना के तहत लाभार्थी के रूप में आम महिलाओं का रिकॉर्ड दिखाकर उनके नाम पर पैसों की हेरफेर का मामला सामने आया है. 18 महिलाओं को लाभार्थी दिखाकर पैसे ट्रांसफर हुए लेकिन इनमें से न कोई महिला गर्भवती थी, न ही उन्हें इस बारे में कोई जानकारी थी.
यह घटना अल्मोड़ा ज़िले की है. परिजनों ने बताया कि पांच महीने की गर्भवती आशा देवी टायफायड के चलते अस्पताल में भर्ती थीं, जब सांस लेने में परेशानी के चलते उनके कोरोना टेस्ट की बात कही गई. लेकिन एंटीजन टेस्ट में हुई देरी और ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के चलते उनकी मौत हो गई.
मामला बेंगलुरु का है, जहां अस्पतालों द्वारा भर्ती करने से कथित तौर पर इनकार किए जाने के बाद महिला ने ऑटो रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया. पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इन अस्पतालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है.
बीते पांच जून को नोएडा के कम से कम आठ अस्पतालों ने कोरोना संक्रमित होने के संदेह में आठ माह की एक गर्भवती महिला को भर्ती करने से इनकार कर दिया था. करीब 13 घंटे तक परिवार द्वारा कई अस्पतालों के चक्कर काटने के बाद महिला ने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया था.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद शहर का मामला. आरोप है कि आठ माह की गर्भवती पत्नी को लेकर युवक सुबह से शाम तक ग़ाज़ियाबाद से लेकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा तक के अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन कहीं बेड न होने और कहीं पत्नी में कोरोना वायरस के लक्षण होने की बात कहकर भर्ती करने से इनकार कर दिया गया.
आईसीएमआर के मुताबिक, कोरोना वायरस की जांच में मिले सबूतों से पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान मां से बच्चे में संक्रमण हो सकता है और संक्रमित मां से प्रसव के दौरान भी शिशु संक्रमित हो सकता है.
नीति आयोग के एक सर्वे से ये जानकारी सामने आई है. आईसीडीएस योजना के तहत छह महीने से छह वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषण कार्यक्रम का लाभ दिया जाता है.
तमिलनाडु के विरुधुनगर ज़िले का मामला. सरकारी ब्लड बैंक का एक कर्मचारी बर्ख़ास्त और दो कर्मचारियों को निलंबित किया गया. महिला के पति ने घटना के लिए तमिलनाडु सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया.
उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले का मामला. सीएमओ ने कहा कि ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं है. मामले का पता लगाकर जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होगा उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.
राजस्थान के जोधपुर में गर्भवती महिला की आपातकाल सर्जरी के दौरान दो डॉक्टरों के बीच तीखी बहस हो गई, इसके चलते एक नवजात बच्चे की मौत हो गई.