गुजरात सरकार जबरन धर्म परिवर्तन के ख़िलाफ़ 15 जून से लागू करेगी विधेयक

गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सज़ा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में इसी तरह के क़ानून पहले से ही प्रभावी हैं.

गुजरात: परिवार ने धर्मांतरण कर जबरन शादी की शिकायत की, महिला ने कहा- सहमति से हुआ विवाह

गुजरात के वडोदरा शहर का मामला. महिला के परिवार ने राज्य में हाल ही में पारित धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2021 के तहत जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन महिला ने आरोप से इनकार कर दिया. इसके बाद परिवार को शिकायत वापस लेनी पड़ी.

गुजरात विधानसभा ने जबरन धर्मांतरण कराने के मामले में सज़ा के प्रावधान वाला विधेयक पारित किया

गुजरात विधानसभा ने ‘गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंज़ूरी दे दी. इसमें अधिकतम 10 वर्ष की सज़ा का प्रावधान है. विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सजा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.

गुजरात: पिछले दो सालों में राज्य में पुलिस हिरासत में 157 लोगों की मौत

गुजरात सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विधानसभा को बताया कि 2019 में पुलिस हिरासत में 70 मौतें हुईं, जबकि 2020 में 87 लोगों की जान गई थी.

गुजरात में दो वर्षों में 313 शेरों की मौत: वन मंत्री

गुजरात के वन मंत्री गणपत वसावा ने विधानसभा में बताया कि 313 शेरों में 23 की मौत अप्रा​कृतिक कारणों से हुई. उन्होंने कहा कि 2019 में 154 और 2020 में 159 शेरों की मौत हुई. इनमें 90 शेरनी, 71 शेर और 152 शावक शामिल हैं.

गुजरात इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा संचालित 1,500 से अधिक औद्योगिक इकाइयां बंद

गुजरात विधानसभा के पहले सत्र के दौरान विभिन्न विधायकों के सवालों के लिखित जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि मांग और वित्तीय कारणों की वजह से 21 जिलों में विभिन्न औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई हैं. कोरोना महामारी के दौरान इकाइयां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं.

गुजरात: पिछले दो साल में प्रतिदिन दो हत्याएं, चार बलात्कार और अपहरण की छह घटनाएं हुईं

गुजरात के गृह विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 31 दिसंबर 2020 तक पिछले दो साल में राज्य के विभिन्न हिस्सों में 1,944 हत्याएं, 3,095 बलात्कार, अपहरण के 4,829 मामले और आत्महत्या के 14,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. इसके अलावा 198.30 करोड़ मूल्य की भारत में निर्मित विदेशी शराब की 15 करोड़ से अधिक बोतलें ज़ब्त की गई हैं.

गुजरात: 2002 दंगा मामले में नरेंद्र मोदी और तत्कालीन मंत्रियों को क्लीनचिट

2002 में गुजरात के गोधरा में हुए दंगों की जांच को लेकर गठित नानावटी आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा है कि फरवरी 2002 में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने के बाद गोधरा में भड़के दंगे सुनियोजित नहीं थे.

गुजरात: कांग्रेस के पूर्व विधायक अल्पेश ठाकोर और धवल सिंह जाला भाजपा में शामिल

अल्पेश ठाकोर और धवल सिंह जाला जाला ने पांच जुलाई को हुए राज्यसभा उपचुनाव में कथित रूप से कांग्रेस उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ मतदान करने के बाद विधायकी से इस्तीफ़ा दे दिया था.

कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर और अन्य ने राज्यसभा उपचुनाव में मतदान के बाद इस्तीफ़ा दिया

कांग्रेस की ओर से कहा गया कि दोनों असंतुष्ट नेता ‘क्रॉस वोटिंग’ में शामिल हैं, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों की बजाय भाजपा के उम्मीदवार को अपना वोट दिया.

गुजरात में दो वर्ष में 800 से अधिक हिंदुओं, 35 मुसलमानों ने धर्म परिवर्तन की अनुमति मांगी: सीएम

गुजरात ​विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बताया कि धर्म परिवर्तन की अनुमति मांगने वाले हिंदुओं में सर्वाधिक 474 लोगों ने सूरत से, 152 लोगों ने जूनागढ़ से और 61 लोगों ने आणंद से आवेदन किया है.

राज्यसभा उपचुनाव में ख़रीद-फ़रोख़्त के डर से कांग्रेस ने विधायकों को माउंट आबू भेजा

गुजरात कांग्रेस का कहना है कि विधायक आगामी बजट सत्र की रणनीति बनाने के लिए माउंट आबू गए हैं, उनके जाने का उपचुनाव से कोई संबंध नहीं है. पार्टी से बागी हुए अल्पेश ठाकोर ने कहा, कांग्रेस को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं.

अनुसूचित जातियों के ख़िलाफ़ 32 व जनजातियों के ख़िलाफ़ 55 फीसदी अपराध बढ़े: गुजरात सरकार

गुजरात विधानसभा में सरकार की ओर से पेश आंकडों के अनुसार साल 2013 से 2017 के बीच एससी व एसटी एक्ट के तहत कुल 6,185 मामले दर्ज हुए और इन सभी मामलों में दलित पीड़ित थे. इस दौरान अनुसूचित जनजातियों के ख़िलाफ़ अपराध के मामलों की संख्या 55 फ़ीसदी बढ़कर 1,310 पहुंची है.