गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सज़ा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में इसी तरह के क़ानून पहले से ही प्रभावी हैं.
गुजरात के वडोदरा शहर का मामला. महिला के परिवार ने राज्य में हाल ही में पारित धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक, 2021 के तहत जबरन धर्मांतरण का मामला दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन महिला ने आरोप से इनकार कर दिया. इसके बाद परिवार को शिकायत वापस लेनी पड़ी.
गुजरात विधानसभा ने ‘गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021’ को मंज़ूरी दे दी. इसमें अधिकतम 10 वर्ष की सज़ा का प्रावधान है. विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सजा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है.
गुजरात सरकार ने प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक निरंजन पटेल द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में विधानसभा को बताया कि 2019 में पुलिस हिरासत में 70 मौतें हुईं, जबकि 2020 में 87 लोगों की जान गई थी.
गुजरात के वन मंत्री गणपत वसावा ने विधानसभा में बताया कि 313 शेरों में 23 की मौत अप्राकृतिक कारणों से हुई. उन्होंने कहा कि 2019 में 154 और 2020 में 159 शेरों की मौत हुई. इनमें 90 शेरनी, 71 शेर और 152 शावक शामिल हैं.
गुजरात विधानसभा के पहले सत्र के दौरान विभिन्न विधायकों के सवालों के लिखित जवाब में राज्य सरकार ने कहा कि मांग और वित्तीय कारणों की वजह से 21 जिलों में विभिन्न औद्योगिक इकाइयां बंद हो गई हैं. कोरोना महामारी के दौरान इकाइयां बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं.
गुजरात के गृह विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, 31 दिसंबर 2020 तक पिछले दो साल में राज्य के विभिन्न हिस्सों में 1,944 हत्याएं, 3,095 बलात्कार, अपहरण के 4,829 मामले और आत्महत्या के 14,000 से अधिक मामले सामने आए हैं. इसके अलावा 198.30 करोड़ मूल्य की भारत में निर्मित विदेशी शराब की 15 करोड़ से अधिक बोतलें ज़ब्त की गई हैं.
2002 में गुजरात के गोधरा में हुए दंगों की जांच को लेकर गठित नानावटी आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा है कि फरवरी 2002 में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगने के बाद गोधरा में भड़के दंगे सुनियोजित नहीं थे.
अल्पेश ठाकोर और धवल सिंह जाला जाला ने पांच जुलाई को हुए राज्यसभा उपचुनाव में कथित रूप से कांग्रेस उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ मतदान करने के बाद विधायकी से इस्तीफ़ा दे दिया था.
कांग्रेस की ओर से कहा गया कि दोनों असंतुष्ट नेता ‘क्रॉस वोटिंग’ में शामिल हैं, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवारों की बजाय भाजपा के उम्मीदवार को अपना वोट दिया.
गुजरात विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बताया कि धर्म परिवर्तन की अनुमति मांगने वाले हिंदुओं में सर्वाधिक 474 लोगों ने सूरत से, 152 लोगों ने जूनागढ़ से और 61 लोगों ने आणंद से आवेदन किया है.
गुजरात कांग्रेस का कहना है कि विधायक आगामी बजट सत्र की रणनीति बनाने के लिए माउंट आबू गए हैं, उनके जाने का उपचुनाव से कोई संबंध नहीं है. पार्टी से बागी हुए अल्पेश ठाकोर ने कहा, कांग्रेस को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं.
गुजरात विधानसभा में सरकार की ओर से पेश आंकडों के अनुसार साल 2013 से 2017 के बीच एससी व एसटी एक्ट के तहत कुल 6,185 मामले दर्ज हुए और इन सभी मामलों में दलित पीड़ित थे. इस दौरान अनुसूचित जनजातियों के ख़िलाफ़ अपराध के मामलों की संख्या 55 फ़ीसदी बढ़कर 1,310 पहुंची है.
गुजरात के 47 और हिमाचल प्रदेश के 22 नवनिर्वाचित विधायकों के ख़िलाफ़ दर्ज हैं आपराधिक मामले.
दोनों चरणों के मतदान के लिए कुल 50,128 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, इन पर राज्य के 4.33 करोड़ मतदाता मतदान कर सकेंगे.