राजस्थान लिंचिंग संरक्षण विधेयक 2019 के तहत मॉब लिंचिंग की घटनाओं में पीड़ित की मौत पर दोषी को आजीवन कारावास और एक से पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. वहीं ऑनर किलिंग के मामलों में फांसी या आजीवन कारावास की सजा दी जा सकेगी.
भाजपा की ओर से जारी 131 उम्मीदवारों की पहली सूची में दो मंत्रियों सहित महज़ 23 विधायकों का टिकट कटा है जबकि अमित शाह एंटीइनकम्बेंसी से निपटने के लिए आधे से ज़्यादा मौजूदा विधायकों की जगह नए चेहरों को मैदान में उतारना चाहते थे.
अमित शाह आधे से ज़्यादा विधायकों का टिकट काटना चाहते हैं जबकि वसुंधरा राजे 80 फीसदी से ज़्यादा विधायकों को फिर से टिकट देने के पक्ष में हैं. इस रस्साकशी में शाह के साथ पूरी टीम है जबकि राजे अकेली जद्दोजहद कर रही हैं.
इस घटना के पहले शीर्ष न्यायालय ने कथित गोरक्षा के नाम पर हिंसा से निपटने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए थे.
अलवर मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, मारपीट के दौरान लगी चोट के सदमे से हुई रकबर की मौत.
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी और कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला की ओर से दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी के बावजूद देश में पीट-पीटकर हत्या करने की घटनाएं जारी हैं. पहलू ख़ान के बाद राजस्थान के अलवर ज़िले में बीते 21 जुलाई को गो-तस्करी के संदेह में भीड़ ने रकबर ख़ान की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
ग्राउंड रिपोर्ट: रकबर ख़ान उर्फ अकबर के साथ बेहरमी से मारपीट का आरोप झेल रही रामगढ़ थाने की पुलिस ने यह स्वीकार किया है कि वह उसे अस्पताल ले जाने के बजाय कागजी कार्रवाई करने के लिए थाने ले गई थी.
भाजपा के स्थानीय विधायक ज्ञानदेव आहूजा व घटना की सूचना देने वाले शख़्स के मुताबिक पुलिस अकबर ख़ान को अस्पताल ले जाने की बजाय थाने ले गई, जहां उसके साथ बेरहमी से मारपीट हुई. पुलिस ने आरोपों को खारिज किया. वहीं पूर्व विधायक जुबेर ख़ान ने भाजपा विधायक के आरोप को आरोपियों को बचाने की साज़िश बताया.
अलवर के रामगढ़ में हुई घटना. पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया. मृतक के पिता ने कहा कि वे इंसाफ चाहते हैं और चाहते हैं कि सभी दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाए.
भाजपा सरकार सामाजिक संगठनों को ज़मीन आवंटित करने के लिए इतनी उतावली है कि स्वायत्त शासन व नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी कह रहे हैं कि चाहे मुझे जेल ही क्यों न जाना पड़े, लेकिन सामाजिक संस्थाओं को रियायती दर पर ज़मीनें आवंटित की जाएंगी.
हम भी भारत की 22वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी राजस्थान सरकार के विवादास्पद ‘दंड विधियां संशोधन विधेयक’ को वापस लेने और समाज में मीडिया की भूमिका पर चर्चा कर रही हैं.
विधेयक के मुताबिक किसी लोकसेवक के ख़िलाफ़ मुक़दमे के लिए सरकार की मंज़ूरी आवश्यक बताई गई थी. साथ ही मीडिया द्वारा सरकार के जांच आदेश से पहले किसी का नाम छापने पर सज़ा का प्रावधान था.
हाई-प्रोफाइल आरोपियों की रिहाई, ज़मानत और गवाहों पर दबाव होने जैसे कई सवाल उठाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभय एम थिप्से ने इस मामले को न्यायतंत्र की असफलता कहा है.
राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे विवादित फिल्म को राजस्थान में रिलीज़ नहीं करने के लिए पहले ही केंद्र को पत्र लिख चुकी हैं.
राजस्थान सरकार एक नया विधेयक लाई है, जिसके मुताबिक किसी भी लोकसेवक के ख़िलाफ़ मुक़दमे के लिए सरकार की मंज़ूरी लेना आवश्यक होगा.