मणिपुर के कंगपोकपी ज़िले के चालवा गांव का मामला. बीते तीन जून की देर रात 44 असम राइफल्स के मेजर अपने तीन जवानों के साथ एक ऑपरेशन को अंजाम देने पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने गांव के एक व्यक्ति को हिरासत में लिया, जो बाद में गोली लगने के कारण घायल अवस्था में मिले. अस्पताल ले जाते वक़्त उनकी मौत हो गई थी.
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के उम्भा गांव में जुलाई 2019 में जमीनों पर कथित अवैध कब्जे के खिलाफ जब आदिवासियों और ग्रामीणों ने आवाज उठायी थी, तब भूमाफियाओं के साथ हुए खूनी संघर्ष में 11 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में सोनभद्र पुलिस ने 65 लोगों को गिरफ्तार किया था और 51 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.
बीते चार दिसंबर को छत्तीसगढ़ के नारायणपुर ज़िले में आईटीबीपी की 45वीं बटालियन में शामिल कॉन्स्टेबल मसूदुल रहमान ने कथित तौर पर पांच जवानों की गोली मारकर हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली थी. मसूदुल रहमान के भाई ने कहा कि उनके शव पर पीछे की तरफ गोली लगने का निशान है. परिवार ने मामले की जांच की मांग की है.
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के उम्भा गांव में हुए 11 आदिवासियों के नरसंहार पर पुलिस ने स्थानीय अदालत में 51 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है.
यह घटना टेक्सास के अल पासो में हुई. इस घटना में 26 लोग घायल हुए हैं और पुलिस ने 21 साल के एक शख्स को हिरासत में लिया है.
सोनभद्र ज़िले के उभा गांव में 17 जुलाई को ज़मीन विवाद को लेकर हुई हिंसा में दस आदिवासियों की मौत हो गई थी और करीब 24 आदिवासी घायल हुए थे. शुक्रवार को पीड़ितों से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी को मिर्ज़ापुर में रोकने के बाद हिरासत में ले लिया गया था.
सोनभद्र ज़िले के उभा गांव में 17 जुलाई को ज़मीन विवाद को लेकर हुई हिंसा में दस लोगों की मौत हो गई थी और करीब 24 लोग घायल हुए थे. शुक्रवार को पीड़ितों से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी को मिर्ज़ापुर में रोकने के बाद हिरासत में ले लिया गया. कांग्रेस ने कहा, योगी सरकार की तानाशाही का निकृष्टतम उदाहरण.
पहली घटना उत्तर प्रदेश के संभल की है, जहां पुलिसकर्मियों की वैन पर हमला कर बदमाश तीन कैदियों को छुड़ा ले गए और दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी. दूसरी घटना में सोनभद्र ज़िले में ज़मीन विवाद में तीन महिलाओं समेत नौ लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
सोनभद्र पुलिस ने बताया कि घटना घोरावल के उभा गांव की है. ग्राम प्रधान ने दो साल पहले 90 बीघा ज़मीन ख़रीदी थी. वह अपने कुछ सहयोगियों के साथ जमीन पर कब्जा करने गया था. इसका गांव वालों ने विरोध किया. इस पर प्रधान और उसके लोगों ने गांववालों पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. घटना में 19 लोग घायल हो गए हैं.
किसान आंदोलन में हुई हिंसा के मामले में अब तक कुल 46 एफआईआर दर्ज़ की गई हैं, जिसमें सिर्फ आगजनी, दंगे भड़काने और बर्बरता से संबंधित मुक़दमे दर्ज़ किए गए हैं.