गोवा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल राज्य का सबसे बड़ा कोविड-19 केंद्र है. 13 मई को इस अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीज़ों की जान चली गई. इससे पहले 12 मई को ऑक्सीजन की कथित कमी के चलते 21 कोविड मरीज़ों और 11 मई को 26 ऐसे मरीज़ों की मौत हुई थी. विपक्ष इसके लिए राज्य की भाजपा सरकार और अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहरा रहा है.
बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी से मरीज़ों की मौत न होने की बात सुनिश्चित करने के निर्देश के एक दिन बाद गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऑक्सीजन का दबाव कम होने के चलते पंद्रह मरीज़ों की जान चली गई. इससे पहले यहां कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी या ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा के चलते 48 घंटे में 47 कोरोना मरीज़ों की मौत हुई थी.
सरकारी गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से 48 घंटे में 47 कोरोना मरीज़ों की मौत हुई है. इस घोर लापरवाही के लिए राज्य की भाजपा सरकार और अधिकारियों को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है.
गोवा के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में हुई घटना. स्वास्थ्य मंत्री ने ऑक्सीजन की कमी होने की बात कहते हुए मामले की जांच हाईकोर्ट से कराने का अनुरोध किया है. वहीं मुख्यमंत्री का कहना है कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं. इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि उन्हें किसी ने गुमराह किया है.
गोवा से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट कहा कि अधिकारी सिर्फ़ इस वजह से गोवा को बर्बाद नहीं कर सकते कि वहां राष्ट्रीय औसत से अधिक वन क्षेत्र है.
केंद्रीय पर्यटन मंत्री केजे अलफोंस ने कहा कि संप्रग सरकार ने भी हुमायूं का मकबरा, ताजमहल और जंतर-मंतर सहित पांच स्मारक निजी इकाईयों को रखरखाव के लिए सौंपे थे.
राज्य के कृषि मंत्री ने कहा, अधिसूचना ने गोवा के लोगों के मन में आशंकाएं पैदा कर दी हैं. उन्हें यह डर है कि सरकार हर किसी को शाकाहारी बनाना चाहती है.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से कहा कि वे राज्य के लोगों को धोखा देने के लिए माफी मांगे.