केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की प्रदर्शन समीक्षा समिति बैठक में पेश एजेंडा पेपर के अनुसार, मार्च के अंत तक देशभर में 54.57 लाख स्वयं सहायता समूहों को 91,130 करोड़ रुपये के बैंक क़र्ज़ दिए गए, जिनमें से 2,168 करोड़ रुपये एनपीए में तब्दील हो गए.
सांसद आदर्श ग्राम योजना के प्रभाव का आकलन करने के लिए बनाई गई एक समिति ने कहा है कि इसके लिए कोई समुचित फंड नहीं है और सांसदों ने इसमें कोई ख़ास रुचि नहीं दिखाई है, जिसके कारण योजना काफी प्रभावित हुई है.
मनरेगा के तहत काम मांगने वालों बढ़ती संख्या ये दर्शाता है कि ग्राम पंचायत ज़्यादा से ज़्यादा बेरोज़गारों को काम दे रहे हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते कोरोना राहत पैकेज की घोषणा करते हुए मनरेगा मज़दूरी में वृद्धि की बात कही. हालांकि यह एक रूटीन वार्षिक कवायद थी, जिसे पहले ही ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया था.
मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: प्रधानमंत्री ग्राम परिवहन योजना का उद्देश्य सस्ती दर पर 80,000 व्यावसायिक यात्री वाहन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदान करना है, ताकि डेढ़ लाख गांवों की परिवहन प्रणाली को मज़बूत बनाया जा सके.
मौजूदा वित्त वर्ष (25 मार्च तक) में मनरेगा के तहत 255 करोड़ व्यक्ति कार्य दिवस पैदा किया गया जो कि 2010-11 के बाद से इस योजना के तहत व्यक्ति कार्य दिवस की सबसे अधिक संख्या है.
पत्र में कहा गया है, ‘आपकी सरकार में देश के विकास को गति देने के लिए रोजगार और नौकरियों के सृजन का बार बार वादा किए जाने के बावजूद देश की एकमात्र रोजगार गारंटी योजना मनरेगा को धीरे धीरे समाप्त किया जा रहा है.'
शीर्ष अदालत ने कहा कि मज़दूरों को काम पूरा होने के एक पखवाड़े के भीतर अपना भुगतान पाने का अधिकार है. यदि कोई खामी है तो यह राज्य सरकारों और ग्रामीण विकास मंत्रालय की ज़िम्मेदारी है.
भाजपा सांसद ने कहा कि दलितों के घर रात बिताने और भोजन करने से दलित परिवार सशक्त नहीं होते हैं. इस दिखावे से बेहतर है कि नेता ज़रूरतमंद दलितों के लिए रोटी, कपड़ा और मकान का इंतज़ाम करें.
मनरेगा अब काम का अधिकार देने की बजाय स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना और समेकित बाल विकास सेवाओं जैसे कार्यक्रमों की आवश्यकताएं पूरा करने का साधन ज़्यादा बन गया है.