बलात्कार पीड़िता मेडिकल बोर्ड की सहमति के बिना करा सकती हैं गर्भपात: मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कानून, 1971 की धारा तीन के प्रावधानों के तहत गर्भपात कराया जा सकता है. पीड़िता को बेवजह अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.

जान बचाने के लिए कोर्ट की अनुमति बिना 20 हफ्ते से अधिक का गर्भ गिरा सकते हैं डॉक्टर

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर किसी महिला के जीवन को ख़तरा हो तो कोई पंजीकृत डॉक्टर अदालत की अनुमति के बिना भी 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ का गर्भपात करा सकते हैं.