लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के महज़ आठ महीने बाद पार्टी में विभाजन के संकेतों के बीच चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस पार्टी कार्यकर्ताओं का समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं और दोनों ही ख़ुद को पार्टी का कर्ताधर्ता दर्शाने का प्रयास भी कर रहे हैं.
बिहार में हाज़ीपुर से लोजपा सांसद और पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उन्होंने पार्टी को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है. लोजपा के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता चिराग पासवान के नेतृत्व में बिहार 2020 विधानसभा चुनाव में जदयू के ख़िलाफ़ पार्टी के लड़ने और ख़राब प्रदर्शन से नाख़ुश हैं.
कैबिनेट विस्तार में भाजपा के नौ सदस्यों के शामिल होने के साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में भाजपा के कुल 20 सदस्य हो गए हैं. वहीं, जदयू से आठ अन्य मंत्रियों के शामिल होने के बाद कैबिनेट में उसके सदस्यों की संख्या 12 हो गई है.
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद यह सीट ख़ाली हो गई है. लोजपा के बिहार एनडीए से बाहर आकर अपने बलबूते विधानसभा चुनाव लड़ने के फैसले के साथ ही भाजपा ने इस सीट पर फिर से अपना दावा करने का निर्णय लिया था, जो उसने अपने कोटे से पासवान को दी थी.
भाजपा विधायक ललन पासवान ने आरोप लगाया था कि बिहार में विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले चारा घोटाले में रांची में सज़ा काट रहे लालू यादव ने उन्हें फोन कर मंत्री पद का लालच देकर चुनाव में अनुपस्थित रहने को कहा था.
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि चारा घोटाले में सज़ा काट रहे लालू यादव ने विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले उनके एक विधायक को विधानसभा में अनुपस्थित रहने के एवज में मंत्री पद देने का लालच दिया. इस संबंध में उन्होंने एक ऑडियो क्लिप भी जारी की है. मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
विशेष रिपोर्ट: बिहार चुनावों में असद्दुदीन ओवैसी की एआईएमआईएम के पांच सीटें जीतने के बाद से सत्ता पाने से वंचित रह गए महागठबंधन के घटक दलों के नेता लगातार ओवैसी पर निशाना साधते हुए उन्हें भाजपा की ‘बी’ टीम क़रार दे रहे हैं. हालांकि आंकड़े जो तस्वीर दिखा रहे हैं, वो इन नेताओं के दावों से उलट है.
जदयू को फिसलने से रोकने में नाकाम रहे नीतीश कुमार क्या इस बार अपने अधूरे वादे पूरे कर पाएंगे या फिर इस पारी में वे भाजपा के एजेंडा के आगे घुटने टेकने को मजबूर होंगे?
बिहार विधानसभा चुनाव में 125 सीटें हासिल कर बहुमत पाने वाले एनडीए गठबंधन ने 15 सालों तक उपमुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी की जगह भाजपा के दो नेताओं- तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को उपमुख्यमंत्री बनाया है. नीतीश कुमार के साथ कुल 14 मंत्रियों ने शपथ ली है.
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ख़राब प्रदर्शन पर राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि गठबंधन के लिए कांग्रेस बाधा की तरह रही, उसने चुनाव 70 सीटों पर लड़ा, लेकिन 70 रैलियां भी नहीं कीं. चुनाव के वक़्त राहुल गांधी पिकनिक मना रहे थे.
नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए ने राज्यपाल फागू चौहान से बिहार में सरकार बनाने का दावा किया है. उपमुख्यमंत्री के तौर पर अभी आधिकारिक तौर पर किसी का नाम नहीं लिया गया है.
जदयू को भाजपा से कम सीटें मिलने के बाद नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने को लेकर सवाल उठ रहे थे, लेकिन ऐसी राय है कि जनता, ख़ासकर महिलाओं के राजग को चुनने का श्रेय नीतीश कुमार को ही जाता है, ऐसे में उनके नेतृत्व में नई सरकार का बनना अपरिहार्य है.
विधानसभा चुनाव में लोजपा को सिर्फ़ एक सीट पर जीत मिली है लेकिन उसने अपने 'घोषित लक्ष्य' के अनुसार जदयू को ख़ासा नुकसान पहुंचाया. नौ सीटों पर लोजपा उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे हैं और इन सीटों पर उन्होंने जदयू को चुनावी मुक़ाबले से बाहर भी किया.
वीडियो: बिहार विधानसभा चुनाव में तमाम एक्जिट पोल्स और अंदाज़े ग़लत साबित हुए. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश बिहार के अप्रत्याशित चुनाव परिणाम और राज्य के राजनीतिक भविष्य को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मोहन और द वायर के पॉलिटिकल अफेयर्स एडिटर अजय आशीर्वाद से चर्चा कर रहे हैं.
बिहार विधानसभा की 243 सीटों में से 40 सीटों पर बेहद कड़ा मुक़ाबला रहा और इन पर हार जीत का अंतर 3,500 मतों से भी कम रहा. कम मतों से जीत में जदयू-भाजपा-वीआईपी-हम को ज्यादा फायदा हुआ और उन्होंने 21 सीटों पर सफलता प्राप्त की.