संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल विश्वभर में आठ हज़ार से ज़्यादा बच्चों की लड़ाकुओं के तौर पर भर्ती की गई या उनका इस्तेमाल किया गया. इसके अलावा विश्व में हुए संघर्षों के दौरान 10 हज़ार बच्चे मारे गए या फिर विकलांगता के शिकार हुए.