श्रीलंका के साप्ताहिक अखबार द संडे टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रीलंकाई सरकार द्वारा भारत और जापान के साथ 2019 में हुए पूर्वी कंटेनर टर्मिनल विकास से संबंधित समझौते को रद्द करने के कुछ दिन पहले चीनी कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट दिए जाने पर भारत ने श्रीलंका सरकार के समक्ष विरोध दर्ज कराया था.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम द्वारा दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम यानी आरआरटीएस परियोजना के तहत न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद तक 5.6 किलोमीटर का भूमिगत मार्ग बनाया जाना है, जिसके निर्माण के लिए चीनी कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के साथ क़रार किया गया है.
रेलवे ने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सिग्नल और दूरसंचार कार्य के लिए एक चीनी कंपनी सीआरएससी की सब्सिडरी के साथ क़रार किया था, जिसे शुक्रवार को रद्द कर दिया. इससे पहले ही चीनी कंपनी क्रियान्वयन एजेंसी को बैंक गारंटी लेने से रोकने के लिए हाईकोर्ट पहुंच गई है.
भारतीय रेलवे द्वारा वंदे भारत परियोजना के लिए आमंत्रित वैश्विक निविदा में चीनी कंपनी सीआरआरसी कॉरपोरेशन ने गुरुग्राम की इसकी सहयोगी कंपनी के ज़रिये बोली लगाई है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने उसे इस प्रक्रिया में हिस्सा न लेने देने की मांग करते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है.