दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एपी शाह ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फ़ैसले को ‘न्यायिक रूप से ग़लत’ बताया.
जज लोया मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी जनहित मामलों के लिए नुकसानदेह साबित होगी.
जन गण मन की बात की 230वीं कड़ी में विनोद दुआ चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के ख़िलाफ़ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव और नरोदा पाटिया हिंसा मामले में भाजपा की पूर्व मंत्री माया कोडनानी के बरी होने पर चर्चा कर रहे हैं.
गोदी मीडिया के पास यह मानने के क्या आधार हैं कि दूसरे जज ख़िलाफ़ में फ़ैसला देंगे? महाभियोग के आरोपों को ख़ारिज करने के क्रम में गोदी मीडिया भी सीमाएं लांघ रहा है.
कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी पार्टियों ने मुख्य न्यायाधीश के ख़िलाफ़ महाभियोग चलाने का नोटिस उपराष्ट्रपति को दिया है. कांग्रेस ने कहा कि उसके इस क़दम के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है.
सीजेआई दीपक मिश्रा के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव पर 71 सांसदों ने हस्ताक्षर किए, जिसमें कांग्रेस, राकांपा, माकपा, भाकपा, सपा, बसपा और मुस्लिम लीग शामिल हैं.
जन गण मन की बात की 229वीं कड़ी में विनोद दुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा और जज लोया की मौत की एसआईटी जांच की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने पर चर्चा कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जज लोया की 'संदिग्ध' मौत पर स्वतंत्र जांच की याचिका ख़ारिज करने के बाद परिवार ने कहा अब किसी पर विश्वास नहीं.
जज लोया की मौत की एसआईटी जांच की मांग वाली याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद राजनीतिक बयानबाज़ी शुरू हो गई है.
सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस से जुड़े जज बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में स्वतंत्र जांच की मांग को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ठुकराए जाने के बाद वकील प्रशांत भूषण का बयान.
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने याचिकाएं खारिज करते हुए कहा कि कहा कि बीएच लोया की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई थी. याचिकाएं न्यायपालिका को बदनाम करने का प्रयास हैं.
एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भूषण ने दावा किया कि जज लोया की मौत दिल का दौरा पड़ने से नहीं हुई है जैसा कि सरकारी अधिकारी दावा कर रहे हैं.
हाई-प्रोफाइल आरोपियों की रिहाई, ज़मानत और गवाहों पर दबाव होने जैसे कई सवाल उठाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अभय एम थिप्से ने इस मामले को न्यायतंत्र की असफलता कहा है.
मीडिया बोल की 36वीं कड़ी में उर्मिलेश मीडिया द्वारा कुछ चुनिंदा विषयों पर रिपोर्टिंग न करने के बारे में चर्चा कर रहे हैं.
जज लोया की मौत की स्वतंत्र जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग करते हुए सांसदों ने राष्ट्रपति से कहा कि उन्हें सीबीआई और एनआईए की जांच पर यक़ीन नहीं है.