एनजीटी में याचिका दायर कर कहा गया है कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए कदम नहीं उठाए जा रहे हैं और पानी बर्बाद करने को दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.
नीति आयोग ने 14 जून, 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया कि 2020 तक दिल्ली, बेंगलुरू, चेन्नई और हैदराबाद समेत 21 भारतीय शहरों का भूजल खत्म हो सकता है.
पेयजल एवं स्वच्छता राज्यमंत्री रमेश जिगजिनागी ने राज्यसभा में बताया कि देश में साल 2030 तक पानी की मांग उसकी उपलब्धता से दो गुनी हो जाएगी, इसलिए जल संसाधनों और उसके इस्तेमाल को लेकर बेहतर समझ बनाने की ज़रूरत है.
नीति आयोग की ताज़ा रपट तक में कहा गया है कि आधे से ज़्यादा देशवासी या तो प्यासे हैं या दूषित पानी पीने को अभिशप्त. गांवों में यह समस्या इस अर्थ में और विकट है कि वहां 84 प्रतिशत ग्रामीण इसकी ज़द में हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में करीब 60 करोड़ लोग पानी की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं. 2030 तक देश में पानी की मांग उपलब्ध जल वितरण की दोगुनी हो जाएगी और देश की जीडीपी में छह प्रतिशत की कमी देखी जाएगी.