सचिन पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों की वापसी के सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह फ़ैसला पार्टी आलाकमान को करना है. अगर आलाकमान उन्हें माफ़ करता है तो वे भी बाग़ियों को गले लगा लेंगे.
अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 2 (सी) (i) को इस आधार पर चुनौती दी गई है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन होने के साथ अस्पष्ट, व्यक्तिपरक और स्पष्ट तौर पर मनमाना है.
कांग्रेस नेता सचिन पायलट के गुट के विधायक गजेंद्र शक्तावत ने कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी व्हिप जारी करती है तो वह और अन्य विधायक 14 अगस्त से शुरू होने जा रहे आगामी विधानसभा सत्र में हिस्सा लेंगे.
राज्यपाल कलराज मिश्र द्वारा विधानसभा सत्र बुलाने की मंज़ूरी दिए जाने के साथ ही राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच एक हफ़्ते से जारी गतिरोध ख़त्म हो गया. सरकार चाहती थी कि 31 जुलाई से सत्र बुलाया जाए, पर 21 दिन का नोटिस देने की मांग करते हुए राज्यपाल ने तीन बार प्रस्ताव वापस लौटा दिया था.
राजस्थान में जारी सियासी खींचतान के बीच 31 जुलाई से विधानसभा का सत्र बुलाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट ने राज्यपाल को तीसरी बार प्रस्ताव भेजा है. इससे पहले दो बार राजभवन कुछ बिंदुओं के साथ प्रस्ताव सरकार को लौटा चुका है.
पूर्व जजों, नौकरशाहों, राजनयिकों, नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रशांत भूषण लगातार समाज के कमज़ोर वर्गो के अधिकारों के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं. उन्होंने अपना जीवन उन सभी को क़ानूनी मदद उपलब्ध कराने में लगा दिया, जो सहजता से न्याय पाने में सक्षम नहीं थे.
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अध्यक्ष को बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की कार्यवाही स्थगित करने के आदेश संबंधी हाईकोर्ट के 21 जुलाई के आदेश पर शीर्ष अदालत ने रोक नहीं लगाई, जिसके कारण इस याचिका का अब कोई औचित्य नहीं है.
राजस्थान सरकार ने विधानसभा सत्र 31 जुलाई से बुलाने के लिए राज्यपाल के पास शनिवार को संशोधित प्रस्ताव भेजा था. प्रस्ताव को खारिज करते हुए राज्यपाल ने सरकार से कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण विधानसभा सत्र के लिए सभी विधायकों को बुलाना मुश्किल होगा. क्या आप विधानसभा सत्र बुलाने के लिए 21 दिन का नोटिस देने पर विचार कर सकते हैं?
साल 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में छह विधायक बसपा के टिकट पर जीत कर विधानसभा पहुंचे थे. सितंबर 2019 में उन्होंने कांग्रेस में विलय की अर्जी दी थी, जिसे विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूर कर लिया था. अब बसपा का कहना है कि वह एक राष्ट्रीय पार्टी है, जिसका राज्य स्तर पर विलय नहीं हो सकता है.
शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कैबिनेट की विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को राज्यपाल कलराज मिश्र ने कोई भी महत्वपूर्ण कारण और एजेंडा न बताने जैसे छह बिंदुओं का हवाला देते हुए ख़ारिज कर दिया था.
साल 2009 में प्रशांत भूषण ने तहलका पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के जजों के ख़िलाफ़ ग़लत टिप्पणी की थी. एक कथित अपमानजनक ट्वीट करने के लिए भूषण के ख़िलाफ़ शीर्ष अदालत में ही एक और अवमानना कार्रवाई चल रही है.
राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा यथास्थिति बरक़रार रखने के आदेश का मतलब है कि अब विधानसभा अध्यक्ष विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं ले पाएंगे. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनके पास बहुमत है और इस बात पर उनके विरोधियों को भी संदेह नहीं है. विधानसभा सत्र बुलाने के लिए उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात भी की.
बुधवार को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही 24 जुलाई तक टालने के हाईकोर्ट के निर्देश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने बुधवार को प्रशांत भूषण को नोटिस जारी करते हुए उनसे इस संबंध में विस्तृत जवाब देने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी. भूषण के ख़िलाफ़ साल 2009 से लंबित पड़े अवमानना के एक अन्य मामले की सुनवाई के लिए भी 24 जुलाई की तारीख़ तय की गई है.
पीठ के सामने ये सवाल था कि सरकार द्वारा सरकारी खजाने में जमा कराए गए मुआवजे को 'मुआवजा अदा किया गया' माना जाएगा या नहीं. इसे लेकर कोर्ट को भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 की धारा 24(2) की व्याख्या करनी थी.