याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि 1994 में उन्हें वनीकरण के लिए 30 वर्षों के लिए ज़मीन आवंटित हुई थी, जिसे अब यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने अवैध तरीके से पतंजलि को दे दिया है.
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि 1994 में उन्हें वनीकरण के लिए 30 वर्षों के लिए ज़मीन आवंटित हुई थी, जिसे अब यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने अवैध तरीके से पतंजलि को दे दिया है.