मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीते दिनों मनाए गए एकजुटता दिवस कार्यक्रम में जनजाति समुदायों ने बताया कि किस तरह से केवल उनकी जातीय पहचान के कारण बिना किसी वॉरंट के उन्हें हिरासत में ले लिया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है, पैसे वसूले जाते हैं और महीनों-सालों तक बंदी बनाकर रखा जाता है.
ग्राउंड रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पिछले साल 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’ के दौरान हुए उपद्रव में राकेश टमोटिया और दीपक जाटव की गोली लगने से मौत हो गई थी.
ग्वालियर से ग्राउंड रिपोर्ट: राकेश टमोटिया और दीपक जाटव की मौत दो अप्रैल को ‘भारत बंद’ के दौरान हुए उपद्रव में गोली लगने से हो गई थी.
जो लोग भीमा-कोरेगांव युद्ध की याद में आयोजित समारोह के आयोजकों को राष्ट्रद्रोही सिद्ध कर रहे हैं वो यह क्यों छुपा ले जाते हैं कि न जाने कितनी बार मराठों ने भी अंग्रेज़ों के साथ मिलकर अन्य राज्यों के ख़िलाफ़ लड़ाइयां लड़ी हैं.
जब आंबेडकर ने भीमा कोरेगांव युद्ध को पेशवाओं के उत्पीड़न के ख़िलाफ़ महारों के संघर्ष के रूप में पेश किया, तब वे असल में एक मिथक रच रहे थे.
साझी विरासत बचाओ सम्मेलन में आठ ग़ैर भाजपाई दलों ने साधा नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना.
नियमित अंतराल पर ऐसी तस्वीरें मीडिया में देखने को मिल जाती हैं जब किसी राष्ट्रीय या क्षेत्रीय पार्टी का पुरुष या महिला नेता तलवार, धनुष-बाण या गदा हाथ में लेकर इसका सार्वजनिक प्रदर्शन करता है.
सहारनपुर के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा पर यहां के दलित और राजपूत समुदाय के लोगों से बातचीत.
सहारनपुर में पिछले कुछ दिनों से जातीय हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आई हैं. इस हिंसा पर रविदास हॉस्टल में रहने वाले छात्रों से बातचीत.