दिसंबर 2019 में सीएए के ख़िलाफ़ एक प्रदर्शन में हुई झड़प के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. विश्वविद्यालय ने बिना अनुमति प्रवेश और छात्रों व सुरक्षा गार्डों पर हमले के आरोप में पुलिस पर एफआईआर दर्ज करने की याचिका दायर की थी.
गुवाहाटी में एक रिक्शा चालक को उनकी पत्नी और बच्चों सहित जून 2019 में अवैध विदेशी बताते हुए डिटेंशन सेंटर में भेज दिया गया था. एक मानवाधिकार वकील की अर्ज़ी पर हाईकोर्ट ने इस आदेश को ख़ारिज करते हुए मामले की फिर सुनवाई करने को कहा, जिसके बाद दोनों को भारतीय घोषित किया गया है.
वीडियो: सीएए, एनआरसी और लव जिहाद को लेकर मुस्लिम विरोध की राजनीति पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद से द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन की बातचीत.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में भी 19 दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए के ख़िलाफ़ विपक्षी दलों और नागरिक संगठनों ने प्रदर्शन किया था. हिंसक प्रदर्शनों से प्रदेश भर में 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इसके ख़िलाफ़ लखनऊ के घंटाघर (हुसैनाबाद) में महिलाओं ने धरना शुरू कर दिया. उनसे बातचीत.
वीडियो: भारत सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध 11 दिसंबर 2019 से दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया से शुरू हुआ था. इस क़ानून के पारित किए जाने और उसके विरोध के एक वर्ष पूरे होने पर आंदोलन की प्रासंगिकता और महत्व पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद का नज़रिया.
वीडियो: बीते साल 15 दिसंबर को नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र-छात्राएं विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान हुई झड़प के बाद दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. वहीं, एक छात्र की एक आंख की रोशनी चली गई थी.
बीते साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. वहीं, एक छात्र की एक आंख की रोशनी चली गई थी.
साल हुआ, संसद ने एक झूठ पर मुहर लगाई. एक साल झूठ का, धोखाधड़ी, क्रूरता और हिंसा का. एक साल सच्चाई का, ईमानदारी, सद्भाव और अहिंसा का.
जामिया मिलिया इस्लामिया द्वारा आयोजित वेबिनार ‘विश्वविद्यालयों में अनुशासन’ में जामिया, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द शामिल थे. चर्चा में कैंपस के उपद्रवी तत्वों को अलग-थलग करने से लेकर पुलिस के साथ संपर्क पर चर्चा की गई.
जामिया हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट को अपने समर्थन में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने रखा था. अदालत का कहना है कि रिपोर्ट को किसी भी पक्ष को दी गई क्लीन चिट के तौर पर नहीं देखा जा सकता.
दिसंबर 2019 में सीएए के ख़िलाफ़ हुए प्रदर्शन के बाद दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया परिसर में घुसकर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. इस बारे में दायर याचिकाओं पर पुलिस ने अदालत में कहा कि उन्हें ऐसे लोगों ने दायर किया है, जिनके अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ.
बीएसएफ के महानिदेशक और दिल्ली के कमिश्नर रह चुके अजय राज शर्मा ने वरिष्ठ पत्रकार करन थापर से बात करते हुए दिल्ली में हुई हालिया हिंसा के दौरान पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए और कहा कि वह दंगों को संभालने में नाकाम रही.
वीडियो: मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश 15 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया में हुई हिंसा से संबंधित सामने आए वीडियो फुटेज के बारे में उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी वीएन राय, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष और जामिया के शोधार्थी राहुल कपूर से चर्चा कर रहे हैं.
जामिया मिलिया इस्लामिया में पिछले साल 15 दिसंबर को कैंपस के अंदर दिल्ली पुलिस की बर्बर कार्रवाई के दौरान 2.66 करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ था, जिसमें 4.75 लाख रुपये के 25 सीसीटीवी कैमरों के नुकसान को भी शामिल किया गया है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने कहा कि कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का सरकार का निर्णय एक ऐसा मुद्दा था जिसके कारण संविधान काफी चर्चा में रहा और इसने अपनी ओर लोगों का ध्यान खींचा.