ज़ी समूह के डीएनए अख़बार ने बंद किया प्रिंट संस्करण, अधर में कर्मचारियों का भविष्य

साल 2005 में शुरू हुए ज़ी समूह के इस अख़बार ने कहा कि वह अब डिजिटल संस्करण में ही उपलब्ध रहेगा. बताया जा रहा है कि इस बदलाव के चलते सौ से अधिक कर्मचारियों की नौकरी जा सकती है.

क्या अक्षय कुमार को दिया प्रधानमंत्री मोदी का इंटरव्यू पेड न्यूज़ नहीं है?

अक्षय कुमार के साथ प्रधानमंत्री मोदी के ग़ैर-राजनीतिक इंटरव्यू की तैयारी ज़ी न्यूज़ की संपादकीय टीम ने कराई. ज़ी की टीम ने शूट और पोस्ट प्रोडक्शन यानी एडिटिंग की. यह सीधा-सीधा पॉलिटिकल प्रोपेगैंडा है. ज़ी न्यूज़ के तैयार कंटेंट को एएनआई से जारी करवाकर सारे चैनलों पर चलवाया गया. क्या इन चैनलों को नहीं बताना था कि यह कटेंट किसका है?

वित्तीय संकट में फंसे ज़ी समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा, पत्र लिखकर कहा- सबका क़र्ज़ चुकाऊंगा

एस्सेल और ज़ी समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा ने वित्तीय संकट के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर आक्रामक तरीके से दांव लगाने और वीडियोकॉन का डी2एच कारोबार ख़रीदने के निर्णय को ज़िम्मेदार बताया.

ज़ी न्यूज़ के संस्थापक और मालिक सुभाष चंद्रा ने क्यों सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है

सुभाष चंद्रा के एक पत्र से ज़ाहिर है कि उनकी कंपनी ​पर वित्तीय संकट मंडरा रहा है. सरकार के इतने क़रीब होने के बाद भी सुभाष चंद्रा लोन नहीं दे पा रहे हैं तो समझ सकते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था कितनी नाज़ुक हालत में है. इनके चैनलों पर मोदी के बिज़नेस मंत्रों की कितनी तारीफ़ें हुई हैं और उन्हीं तारीफ़ों के बीच उनका बिज़नेस लड़खड़ा गया.

ज़ी न्यूज़ धन उगाही मामला: सुभाष चंद्रा और नवीन जिंदल के बीच छह साल बाद सुलह

साल 2013 पूर्व सांसद नवीन जिंदल ने कोयला घोटाले के संबंध में जी न्यूज़ के सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया पर 100 करोड़ मांगने के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया को गिरफ़्तार भी किया था.