इस साल मार्च महीने में कोविड-19 के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान छात्र अपने गृहनगर वापस चले गए थे, लेकिन सितंबर से सभी छात्रों के चरणबद्ध तरीके से पुन: प्रवेश की मांग के बाद भी उन्हें कैंपस लौटने की अनुमति नहीं दी गई. ऐसे विद्यार्थी जो वापस आकर हॉस्टल में रहने लगे हैं, उन पर यह जुर्माना लगाया है.
जेएनयू के एक पीएचडी छात्र ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि लॉकडाउन से कुछ दिन पहले ही वो अपनी पत्नी के साथ एक फील्ड-वर्क पर गए थे. वापस लौटने पर विश्वविद्यालय प्रबंधन उन्हें दोबारा हॉस्टल में रहने की अनुमति नहीं दे रहा था.