जोरहाट इलाके में उल्फा-आई और एनएससीएन-आईएम के सदस्यों के होने की मौजूदगी की सूचना मिलने पर सेना और पुलिस के संयुक्त अभियान में जयंत बोरा को उनके घर से हिरासत में लिया गया था.
घटना रविवार शाम को जोरहाट ज़िले में हुई. पुलिस ने बताया कि नौ युवक किसी जन्मदिन पार्टी से नशे में लौट रहे थे, जब एक की बाइक चाय बागानों से आ रही महिलाओं से टकराई और वे गंभीर रूप से घायल हो गईं. इसके बाद उनके साथी मज़दूरों ने दो युवकों को पकड़कर पीटा, जिनमें से एक की मौत हो गई.
भारतीय वायुसेना का एएन-32 परिवहन विमान तीन जून को असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद अरुणाचल प्रदेश के मेचुका वायुक्षेत्र में लापता हो गया था.
बीते तीन जून से लापता भारतीय वायुसेना का एएन-32 परिवहन विमान का मलबा आठ दिन बाद मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले से बरामद किया गया था. वायुसेना के एक अधिकारी ने बताया कि एएन-32 विमान दुर्घटना में कोई भी जीवित नहीं बचा.
बीते तीन जून को भारतीय वायुसेना का एएन-32 परिवहन विमान असम के जोरहाट से उड़ान भरने के करीब 35 मिनट बाद लापता हो गया था.
वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा कि लापता विमान की तलाश जारी है. बीते सोमवार को भारतीय वायुसेना का एएन-32 परिवहन विमान असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद अरुणाचल प्रदेश के मेनचुका वायुक्षेत्र में लापता हो गया. विमान में चालक दल के आठ सदस्य और पांच यात्री सवार थे.
जुलाई 2016 में लापता हुए एएन-32 विमान में 27 वर्षीय कुणाल बारपट्टे फ्लाइट नेविगेटर थे. हाल ही में अरुणाचल प्रदेश से एएन-32 विमान लापता होने के बाद कुणाल के पिता राजेंद्र बारपट्टे ने कहा कि इन पुराने पड़ गए विमानों को बदल दिया जाना चाहिए क्योंकि वे उन लोगों के जीवन को ख़तरे में डाल रहे हैं जो उन्हें उड़ाते हैं.
तीन साल पहले 22 जुलाई 2016 को चेन्नई से पोर्ट-ब्लेयर जा रहा वायुसेना का एएन-32 विमान लापता हो गया था. इसमें 29 लोग सवार थे. तकरीबन दो महीने तक विमान के बारे में कुछ भी पता नहीं चल सका. इसके बाद वायुसेना ने तलाशी अभियान पर रोक लगा दी और विमान में सवार सभी लोगों को मृत मान लिया गया.
भारतीय वायुसेना का एएन-32 परिवहन विमान असम के जोरहाट एयरबेस से उड़ान भरने के बाद विमान अरुणाचल प्रदेश के मेनचुका वायुक्षेत्र में लापता हुआ. आख़िरी बार विमान से दिन में करीब एक बजे संपर्क हुआ था.
शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले ‘लाली गुड़’ की बिक्री पर लगी रोक. घटना के विरोध में गोलाघाट में कई संगठनों ने मार्च किया और असम के आबकारी मंत्री का पुतला फूंका. मरने वालों में अधिकांश जोरहाट और गोलाघाट के चाय बागानों में काम करने वाले श्रमिक हैं.
असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि मौत का आंकड़ा हर मिनट बढ़ रहा है. अब तक लगभग 200 लोग अस्पताल में भर्ती हैं और कइयों की हालत गंभीर है.