रविवार तड़के चार बजे हुए इस हादसे में कम से कम 29 लोग घायल हो गए हैं. मृतकों के परिजनों के लिए रेल मंत्रालय ने पांच लाख रुपये जबकि बिहार सरकार ने चार लाख रुपये की सहायता राशि की घोषणा की.
रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक 2015 से 2017 के बीच रेल की पटरियों पर ट्रेन की चपेट में आने के चलते 49,790 लोगों ने जान गंवाई. रेलवे इन मौतों की कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता और ऐसे व्यक्तियों को 'ट्रेसपासर' यानी अतिक्रमण करने वाला मानता है.
माल ढुलाई और यात्रियों की संख्या में हुई भारी बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए देश के ट्रैक नेटवर्क का तत्काल बड़े पैमाने पर पुनरुद्धार किए जाने की ज़रूरत है.
उत्तर प्रदेश में चार दिन के भीतर दूसरा बड़ा रेल हादसा.