इसमें से 95 लोग तीन साल या इससे भी ज्यादा समय से इन केंद्रों में बंद हैं. पिछले चार सालों में डिटेंशन सेंटर में बीमारी से 26 लोगों की मौत हुई है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने लोकसभा में बताया कि असम के छह डिटेंशन सेंटर, जहां घोषित विदेशी या दोषी विदेशियों को रखा जाता है. इनमें 3331 लोगों को रखने की क्षमता है. इससे पहले सरकार ने बताया था कि बीते तीन साल में असम के डिटेंशन सेंटर में 29 लोगों की मौत हो चुकी है.
वीडियो: दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस की रोकथाम के मद्देनज़र दिल्ली में 50 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा हो़ने पर पाबंदी लगा दी है. ऐसे में शाहीन बाग के लोग क्या अपना प्रदर्शन ख़त्म करेंगे या विरोध दर्ज कराने का कोई अन्य रास्ता अपनाएंगे? शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से सृष्टि श्रीवास्तव की बातचीत.
इस मौत के साथ ही अब तक असम स्थित डिटेंशन सेंटरों में रखे गए लोगों की होने वाली मौतों की संख्या 29 पहुंच चुकी है. इन डिटेंशन सेंटरों में करीब 1000 लोगों को रखा गया है.
कर्नाटक के गृह मंत्री ने इसे हिरासत केंद्र कहने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि इसे इसलिए तैयार किया गया है ताकि देश में वीज़ा अवधि से ज़्यादा वक़्त से रह रहे और मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त अफ्रीकी नागरिकों को रखा जा सके.
असम के संसदीय कार्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा में बताया कि इस साल अब तक डिटेंशन सेंटरों में विदेशी घोषित किए गए सात लोगों की जान जा चुकी है.