कोरोना की दूसरी लहर के बीच दिल्ली के कोविड केंद्रों पर स्वास्थ्यकर्मियों की कमी की ओर इशारा करते हुए कोर्ट ने कहा कि जब चुनाव आते हैं तो हर अख़बार में पूरे पन्ने का विज्ञापन दिखाई देता है लेकिन अब चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों की ज़रूरत को लेकर प्रमुख अख़बारों में कोई विज्ञापन नहीं है.
मामले की सुनवाई करते हुए गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि हम कोविड-19 के संबंध में प्रशासन को कोई निर्देश नहीं देने जा रहे, प्रशासन को जिसकी भी ज़रूरत हो, वे ले सकते हैं और कोई यह नहीं कह सकता कि वे काम करने के इच्छुक नहीं है.
विधानसभा में एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने बताया कि राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 1150, डॉक्टर के 610, पैरामेडिकल स्टाफ के 2,918 और नर्सिंग स्टाफ के 2,311 पद रिक्त हैं.
संसद की समिति ने पाया कि भारत में हृदय रोग के चार हज़ार डॉक्टर हैं जबकि इनकी संख्या 88 हज़ार होनी चाहिए.