सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 दिसंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत डॉ. कफ़ील ख़ान की हिरासत को रद्द करने और उन्हें तत्काल रिहा किए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था. इस फ़ैसले पर डॉ. कफ़ील ने द वायर से बातचीत की.
एएमयू में सीएए के ख़िलाफ़ कथित 'भड़काऊ भाषण' देने के आरोप में जनवरी से मथुरा जेल में बंद डॉ. कफ़ील ख़ान को हाईकोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार देर रात रिहा कर दिया गया. उनका कहना है कि उन्हें इतने दिन जेल में इसलिए रखा गया क्योंकि वे प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की कमियों को उजागर करते रहते हैं.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पिछले साल दिसंबर में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में 29 जनवरी को डॉ. कफ़ील ख़ान को गिरफ़्तार किया गया था. 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से ज़मानत मिलने के बाद रिहा करने के बजाय उन पर रासुका लगा दिया गया था.
बीती 29 जनवरी को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में बीते साल दिसंबर में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में डॉ. कफ़ील ख़ान को मुंबई हवाई अड्डे से गिरफ़्तार किया था. तब से वह जेल में हैं.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पिछले साल दिसंबर में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में 29 जनवरी को डॉक्टर कफील खान को गिरफ्तार किया गया था. 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा करने के बजाय उन पर रासुका लगा दिया गया था.
डॉ. कफील खान को 29 जनवरी को महाराष्ट्र से गिरफ़्तार किया गया था. उन्हें ज़मानत मिल चुकी थी लेकिन शुक्रवार को रिहाई से पहले यूपी पुलिस ने उन पर रासुका लगा दी, जिसके चलते उन्हें रिहा नहीं किया गया.