साल 2015 से डॉयचे वेले द्वारा यह सालाना सम्मान मीडिया के क्षेत्र में मानवाधिकार और बोलने की आज़ादी के प्रति प्रतिबद्धता से काम करने के लिए दिया जाता रहा है. इस बार यह विश्व भर के उन पत्रकारों को दिया जा रहा है, जिन्होंने कोरोना संकट के दौरान उनके देशों में सत्ता द्वारा उत्पीड़न और कार्रवाई का सामना किया है.
कश्मीर प्रेस क्लब ने पत्रकारों और मीडिया संगठनों के लिए इंटरनेट और टेलीफोन सुविधा बहाल करने की मांग करते हुए प्रशासन द्वारा कुछ पत्रकारों से सरकारी आवास खाली करने के आदेश की आलोचना की है.
कश्मीरी पत्रकार और लेखक गौहर गिलानी ने कहा कि वह जर्मनी के मीडिया संगठन डॉयचे वेले के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जर्मनी जा रहे थे लेकिन उन्हें दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे पर रोक लिया गया.