मामला शाहजहांपुर ज़िले का है. पीड़ित महिला का आरोप है कि उन्होंने सितंबर 2020 में आरोपी एसआई के ख़िलाफ़ बलात्कार की शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद बीते 8 जनवरी को जब वे इस मामले में दर्ज की गई अंतिम रिपोर्ट पर विरोध याचिका दायर कर लौट रही थीं, तब आरोपी ने दोबारा उनका बलात्कार किया.
आंकड़ों के अनुसार पिछले साल सितंबर के बाद महिलाओं के ख़िलाफ़ हुए विभिन्न अपराधों की सर्वाधिक शिकायतें इस साल जून में दर्ज की गईं. इससे पहले लॉकडाउन में घरेलू हिंसा और प्रताड़ना के मामले बढ़ने की बात सामने आई थी, जिसे केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ग़लत बताया था.
शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया है कि शारीरिक हिंसा या मृत्यु से संबंधित अपराध होने की स्थिति में तुरंत गिरफ़्तारी होगी.
सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ के सामने दूसरे दिन तीन तलाक़ मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने कहा कि तीन तलाक़ संविधान में दिए गए समानता के अधिकार के ख़िलाफ़ होने के कारण असंवैधानिक है.
प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों की एक पीठ ने कहा कि वह इस पहलू की समीक्षा करेगी कि तीन तलाक़ मुसलमानों के लिए मौलिक अधिकार है या नहीं.
दहेज उत्पीड़न के एक फैसले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि पर्सनल लॉ के नाम पर महिलाओं के मूल अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता.